कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा
बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. शाम 4 बजे वह राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप देंगे. येदियुरप्पा के कार्यकाल के दो साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने इसका ऐलान किया. इससे पहले वह कह चुके थे कि आलाकमान जो भी फैसला करेगा उसे वह मंजूर करेंगे. पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में जारी उठापटक को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि येदियुरप्पा अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (J P Nadda) येदियुरप्पा के कामकाज की तारीफ कर चुके हैं.
अपनी सरकार के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैं दोपहर के भोजन के बाद राज्यपाल से मिलूंगा और अपना त्यागपत्र सौंपूंगा.
आज ही हुए येदियुरप्पा के दो साल पूरे
कर्नाटक में पिछले दो दशकों के भाजपा का चेहरा रहे येदियुरप्पा के इस कार्यकाल के आज दो साल पूरे हो रहे हैं. येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय लेगा कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए या नहीं, यह कहते हुए कि वह अगले 10-15 वर्षों तक भाजपा के लिए काम करना जारी रखेंगे.यह पूछे जाने पर कि अगर आलाकमान की ओर से ‘संदेश’ नहीं आया तो वह क्या करेंगे, येदियुरप्पा ने कहा कि ‘मैं तब निर्णय लूंगा’.
‘आलाकमान का हर फैसला मंजूर’
बीएस येदियुरप्पा साफ कह चुके हैं कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर जो भी फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लेगा, उसे वह हर हाल में मंजूर करेंगे. उन्होंने कहा कि वह संतुष्ट और संतुष्ट हैं और अनुशासनात्मक रेखा को पार नहीं करेंगे. येदियुरप्पा ने कहा कि “मुझे पार्टी में ज्यादातर पद मिले, जो शायद कर्नाटक में किसी और को नहीं मिले, जिसके लिए मैं पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा का आभार व्यक्त करता हूं. येदियुरप्पा के संभावित बाहर निकलने की अटकलों पर टिप्पणी करते हुए, नड्डा ने कहा कि सीएम कर्नाटक को अच्छी तरह से चला रहे हैं. इस बीच, कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों के 500 से अधिक वीरशैव-लिंगायत संतों ने मांग की कि येदियुरप्पा को पद पर बने रहने दिया जाना चाहिए.