कानपुर पुलिस ने पूर्व मंत्री को महोबा जाने से रोका, सपा कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
कानपुर । कानपुर के संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड के बाद महोबा में क्रशर कारोबारी की हत्या से पुलिस की जहां साख पर बट्टा लगता दिख रहा है तो वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी इसे राजनीतिक मुद्दा देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। ऐसी घटनाओं के पीड़ितों से सपा नेता बराबर मुलाकात कर रहे हैं और सरकार पर करार प्रहार भी कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय महोबा के लिए निकले और उन्हे पुलिस ने कानपुर में रोक लिया। इस पर सपाइयों ने हंगामा काटा और सरकार विरोधी नारे भी लगाये।
महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा बराबर सरकार पर हमलवार है। यही नहीं सपा के नेता बराबर परिजनों से मिलकर इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय क्रशर कारोबारी के परिजनों से मिलने के लिए जा रहे थे। इस दौरान उनके साथ बहराइच के पूर्व विधायक केके ओझा भी थे। इसकी जानकारी मिलते ही शासन के निर्देश पर कानपुर पुलिस पीएसी बल के साथ जाजमऊ चेकपोस्ट पर पूर्व मंत्री के काफिले को रोकने के लिए पहुंच गयी। मनोज पांडेय का काफिला जैसे ही गंगा पुल पार करके जाजमऊ चेक पोस्ट पहुंचा तो पुलिस व पीएसी ने रोक लिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ता पहुंच गए और हंगामा करना शुरू कर दिया। सपाइयों ने जोर जोर से प्रदेश सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर पुलिस बल मनोज पांडेय समेत सपा कार्यकर्ताओं को सर्किट हाउस ले गई और नजरबंद कर दिया। पूर्व मंत्री ने महोबा जाने से रोकने पर पुलिस द्वारा लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि दिवंगत के परिवार से विपक्ष को मिलने नहीं देना प्रदेश सरकार की तानाशाही है। हंगामे के दौरान उन्नाव से आने वाले वाहन जाम में फंसे रहे और करीब आधे घंटे के बाद यातायात सामान्य हो सका।
घरों पर नजरबंद हुए सपाई
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर कानपुर के सपा नेता महोबा के दिवगंत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी के घर कबरई जाने की योजना बनायी। इसकी जानकारी पुलिस को हो गयी और पुलिस ने नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान और पूर्व नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्र को घर पर ही नजरबंद कर दिया। इस पर गुस्साए सपाइयों की पुलिस से नोकझोंक और धक्का मुक्की हुई। मौके पर पहुंचे सीओ बाबूपुरवा आलोक कुमार ने सर्किल फोर्स और पीएसी की मदद से सपाइयों को किदवई नगर वानीकीय प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारी छात्रावास ले गई, जहां एसीएम प्रथम आरपी वर्मा भी पहुंचे। नगर अध्यक्ष ने कहा कि आज समाजवादी सिपाहियों को रोककर कानपुर में लोकतंत्र की हत्या की गई है, हम लोग पीछे नहीं हटेंगे। प्रदेश सरकार बौखलाहट में ऐसे काम कर रही है, वो कितने भी प्रयास कर ले अखिलेश यादव के विजय रथ को नहीं रोक पाएगी। सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।