Kamala Harris ने Result के बाद दी स्पीच और दिल जीत लिया –
Kamala हैरिस ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन वे 226 वोट्स ही जीत पाईं। ट्रम्प की यह जीत अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, खासकर 2020 में जो बाइडेन से मिली हार के बाद उनकी वापसी के तौर पर।
डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए-Kamala Harris
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के ताजे नतीजों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर राष्ट्रपति पद की कुर्सी हासिल कर ली है। ट्रम्प को 50 राज्यों की 538 में से 295 इलेक्टोरल वोट्स प्राप्त हुए हैं, जबकि बहुमत के लिए 270 वोट्स जरूरी होते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट Kamala हैरिस ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन वे 226 वोट्स ही जीत पाईं। ट्रम्प की यह जीत अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, खासकर 2020 में जो बाइडेन से मिली हार के बाद उनकी वापसी के तौर पर।
Kamala हैरिस की हार स्वीकारोक्ति
Kamala हैरिस ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनका दिल “देश के प्रति प्यार और संकल्प से भरा हुआ है।” उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में हावर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी स्पीच के दौरान कहा, “यह चुनाव वह नहीं था जिसकी मुझे उम्मीद थी, या जिसके लिए हम लड़ाई लड़े थे। हम कभी हार नहीं मानेंगे और निराश नहीं होंगे। यह समय अपनी स्लीव्स चढ़ाने का है, यह समय एकजुट होने का है।” भारतवंशी हैरिस ने यह भी कहा कि, “हमें उस भविष्य के लिए एकजुट होना होगा, जिसे हम सभी मिलकर बना सकते हैं।”
पीएम मोदी का ट्रम्प को बधाई संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को उनकी जीत पर बधाई दी। सूत्रों के मुताबिक, ट्रम्प ने पीएम मोदी से कहा, “मैंने अपनी जीत के बाद सबसे पहले जिन वर्ल्ड लीडर्स से बात की हैं, पीएम मोदी उनमें से एक हैं। पूरी दुनिया मोदी से प्यार करती है। भारत एक शानदार देश है और मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैं मोदी और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानता हूं।”
सीनेट और हाउस में रिपब्लिकन की बढ़त
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के साथ-साथ संसद के दोनों सदन, सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के चुनाव भी हुए। रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में 54 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया है। इससे पहले उनके पास 49 सीटें थीं। सीनेट, जो संसद का ऊपरी सदन है, बहुत ताकतवर माना जाता है क्योंकि यह महाभियोग और विदेशी समझौतों जैसे महत्वपूर्ण मसलों को मंजूरी देने या अस्वीकृत करने का अधिकार रखता है।
वहीं, हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में रिपब्लिकन पार्टी बहुमत के करीब है। इस सदन में 435 सीटें होती हैं, और बहुमत के लिए 218 सीटों की जरूरत होती है। रिपब्लिकन पार्टी के पास 204 सीटें हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 189 सीटें हैं।
अमेरिका में इलेक्टोरल वोट प्रणाली
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में वोट सीधे उम्मीदवारों को नहीं दिए जाते। इसके बजाय, इलेक्टर्स को चुना जाता है, जो राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चुनाव लड़ते हैं। हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या तय होती है, और आम तौर पर जिस राज्य में किसी उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, उस राज्य की सारी इलेक्टोरल सीटें उसी को मिल जाती हैं। इस चुनाव में, पेन्सिलवेनिया जैसे राज्य ने रिपब्लिकन पार्टी को सभी इलेक्टोरल वोट्स दिए।
हालांकि, नेब्रास्का और मेन जैसे राज्यों में यह प्रणाली थोड़ी अलग है, जहां उम्मीदवारों को जितने इलेक्टोरल वोट्स मिलते हैं, उन्हें उतनी सीटें मिलती हैं। इस चुनाव में मेन राज्य से ट्रम्प को 1 और कमला हैरिस को 1 इलेक्टोरल वोट मिला।
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डोनाल्ड ट्रम्प की जीत अमेरिका की राजनीति में एक अहम मोड़ है। उन्होंने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद विश्व नेताओं से संवाद स्थापित किया और पीएम मोदी से भी बधाई प्राप्त की। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव और संसद के दोनों सदनों में रिपब्लिकन पार्टी की बढ़त यह दर्शाती है कि अमेरिकी राजनीति में ट्रम्प की पकड़ मजबूत बनी हुई है।