डैमेज कंट्रोल करने के लिए कमलनाथ सात को आएंगे अनूपपुर
अनूपपुर। भले ही कांग्रेस के आलाकमान ने अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए विश्वनाथ सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन दूसरी ओर कलेक्टर रमेश सिंह के त्यागपत्र देकर कांग्रेस के बैनर तले विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान भी कांग्रेस को पेशोपेश में डाल दिया है। दोनों प्रत्याशियों द्वारा टिकट को लेकर की जा रही दोवदारी में अब कार्यकर्ताओं में उफापोह की स्थिति बनी हुई है। खुद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में घोषित उम्मीदवार के प्रति नाखुशी दिख रही है, जो स्तीफा देकर राजनीति करने पहुंचे रमेश सिंह को लेकर पशोपेश का माहौल बना हुआ है। अब 7 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के अनूपपुर आगमन पर टिक गई है।
रमेश सिंह के समर्थकों में ऐसे कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज खड़ी है, जो पूर्व में कांग्रेस के विरोध में ही विधानसभा और लोकसभा में राजनीति की रोटी सेकने का प्रयास किया और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। बिना कार्यकर्ता और टिकट पाए रमेश सिंह द्वारा अबतक जनसम्पर्क के माध्यम से खुद को भावी प्रत्याशी बताते हुए विजयी की अपील की जा रही है। वहीं कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी द्वारा भी चुनावी रणनीतिया तैयार कर प्रचार प्रारभ्भ कर दिया हैं। अब सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व प्रत्याशियों की निगाहें आगामी 7 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अनूपपुर आगमन पर टिक गई है। यहां दोनों दावेदारों के भाग्य का फैसला होना है, जिसमें एक को बैठने और दूसरे को चुनाव लडऩे के निर्देश दिए जाएंगे।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए प्रदेश खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बाद कांग्रेस की नाव मझधार में उलझती नजर आ रही है, जिसे खींचने स्थानीय पदाधिकारियों के साथ वरिष्ठ नेतृत्व का अभाव दिख रहा है।