मध्य प्रदेश में अब गई कि तब गई कमलनाथ सरकार!
लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स सामने आने के बाद अब केंद्र के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में विपक्ष पार्टी बीजेपी ने सीएम कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर दिया है। यही नहीं, बीजेपी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को चिट्ठी लिख विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने की बात की है। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ का इस मुद्दे पर अलग ही बयान आ रहा है | कमलनाथ सरकार ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार बेहद मजबूत है। मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दावा किया, “कमलनाथ सरकार अपने आप गिर जाएगी। मैं खरीद-फरोख्त पर यकीन नहीं करता लेकिन इसका समय आ गया है और यह जल्द ही होगा। हम विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गवर्नर को पत्र भेज रहे हैं।” कमलनाथ सरकार ने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा, ‘सरकार मजबूत है, बीजेपी दिन में सपने देखना बंद करे।’ कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा, “जो संसदीय नियम और प्रक्रिया है, उसके मुताबिक विधानसभा का विशेष सत्र तभी बुलाया जा सकता है जब एक निश्चित अनुपात में विधायक यह मांग रखें या फिर मुख्यमंत्री सत्र आहुत करें।”
मध्य प्रदेश में बीजेपी को पूरी उम्मीदे थी की वह यहाँ से विधानसभा के चुनाव जीत जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था | यहाँ से कांग्रेस जीत गयी थी जिसके बाद पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर हमला करते रहते है | बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कमलनाथ सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए की है। भार्गव ने कहा, “6 महीने चुनाव को हो गए हैं। 11 दिसंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ था। राज्य में लोग कमलनाथ सरकार से खुश नहीं हैं। चुनाव के एग्जिट पोल्स के नतीजे भी साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस के पास अब जनमत नहीं है। इस पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। यह संभव है कि सत्र के दौरान स्पीकर से शक्ति परीक्षण की मांग की जाए।”