अमित शाह, तानाशाह? हिंदी पर निकली कमल हासन की आह!
हिंदी दिवस(Hindi Diwas) पर राष्ट्रीय भाषा को लेकर अमित शाह(Amit Shah) के बयान पर राजनीतिक दंगल छिड़ गया है। देश के कई बड़े नेताओं के बाद अब साउथ सुपरस्टार और राजनेता कमल हासन(Kamal Haasan) ने भी आलोचना की है। इसको लेकर हासन ने एक आंदोलन छेड़ने तक की बात कह दी। अस्पष्ट शब्दों में उन्होंने अमित शाह की तुलना ताना ‘शाह’ से भी की।
साउथ सुपरस्टार कमल हासन ने सोमवार दोपहर एक वीडियो ट्वीट किया। इसमे उन्होंने राष्ट्रीय भाषा(Hindi) को लेकर अमित शाह(Amit Shah) के बयान पर हमला बोला। उन्होने कहा कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसपर बड़ा आंदोलन होगा। हासन ने कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता है। 1950 में बने भारत गणतंत्र में वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और कल्चर का सम्मान किया जाएगा और उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। वे बोले कि कई राजाओं ने अपना राजपाठ देश की एकता के लिए न्योछावर कर दिया। लेकिन लोग अपनी भाषा, कल्चर और पहचान को खोना नहीं चाहते हैं।
Now you are constrained to prove to us that India will continue to be a free country.
You must consult the people before you make a new law or a new scheme. pic.twitter.com/u0De38bzk0
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) September 16, 2019
भाषा को बचाने के लिए आन्दोलन
साउथ सुपरस्टार कमल हासन ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग एक साथ बैठकर खाते हैं, किसी पर कुछ थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने वीडियो में कहा कि तमिल को लंबे समय तक जीने दो, देश को समृद्ध होने दो। कोई भी नया कानून या स्कीम लाने से पहले आम लोगों से बात करनी चाहिए। जलीकट्टू के लिए जो हुआ वह सिर्फ एक प्रदर्शन था, लेकिन भाषा को बचाने के लिए जो होगा वह इससे बड़ा होगा। उनके इस वीडियो के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanian Swamy) ने जवाबी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा ‘कमल हासन, एमके स्टालिन हिंदी थोपने की बात कर रहे हैं। तमिलनाडु में हिंदी ना पढ़ाने को लेकर वो क्या कहेंगे? हिंदी को भी तमिलनाडु में ऑप्शनल भाषा बनने देना चाहिए।’
दूसरे नेताओ ने भी की आलोचना
हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 14, 2019
गौरतलब है कि कमल हासन से पहले ममता बनर्जी(Mamata Banarjee), असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) और दूसरे कई बड़े नेता भी बयान दे चुके हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व से कहीं बड़ा है भारत। उन्होंने कहा, ‘हिंदी(Hindi) हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है। क्या आप इस देश की कई मातृभाषाएं होने की विविधता और खूबसूरती की प्रशंसा करने की कोशिश करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि संविधान का अनुच्छेद 29 हर भारतीय को अपनी अलग भाषा और संस्कृति का अधिकार प्रदान करता है। वहीँ सलमान खुर्शीद ने कहा था कि अगर हम एक ही भाषा लागू करना चाहेंगे, तो संभव है कि लोगों को ये बात स्वीकार न हो। और इससे दरारें पड़ने लगे। हालांकि जेडीयू इसके समर्थन में आगे दिखाई दी। उन्होंने इसे हिंदी को थोपना नहीं बल्कि स्वीकार्यता बढ़ाना बताया था।
Hindi isn't every Indian's "mother tongue". Could you try appreciating the diversity & beauty of the many mother tongues that dot this land? Article 29 gives every Indian the right to a distinct language, script & culture.
India's much bigger than Hindi, Hindu, Hindutva https://t.co/YMVjNlaYry
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 14, 2019