छह माह बाद श्रद्धालुओं के लिए खुले कामाख्या धाम के कपाट
गुवाहाटी। राजधानी के नीलाचल पहाड़ पर स्थित विश्व विख्यात शक्तिपीठ कामाख्या मंदिरा कपाट रविवार को अंततः श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मां का आशीर्वाद लेने के लिए सुबह 08 बजे से श्रद्धालु मंदिर पहुंचना आरंभ कर दिया। कोरोना के चलते गत 20 मार्च से मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था। रविवार को मंदिर खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार दिखाई देने लगी।
कामाख्या मंदिर के दोलोई कवींद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर की परिक्रमा कर 15 मिनट के भीतर मंदिर परिसर से प्रस्थान करना पड़ेगा। श्रद्धालु मंदिर परिक्रमा कर सकते हैं लेकिन गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति श्रद्धालुओं को नहीं दी गयी है। गर्भगृह को बंद रखा गया। शर्मा ने बताया कि मंदिर परिक्रमा करने के लिए छोटे-छोटे ग्रुप में लोगों को परिक्रमा करने की अनुमति दी गयी है।
लंबे समय बाद कामाख्या मंदिर के खुलने पर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 08 जून को राज्य सरकार ने कुछ मठ-मंदिरों को खोलने की अनुमति दी थी लेकिन कोरोना को देखते हुए कामाख्या मंदिर प्रबंधन ने मंदिर को बंद रखा था। मंदिर खुलने के बाद कामाख्या मंदिर से जुड़े सभी लोग जैसे दुकानदार, गाड़ी चलाने वाले आदि सभी ने चैन की सांस ले रहे हैं। देवालय प्रबंधन और जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद ही सरकारी नियमों का पालन कर कोविड प्रोटोकॉल को मानकर मंदिर को खोला गया है। श्रद्धालुओं और दूसरे लोगों को मंदिर प्रशासन द्वारा जारी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। आज से प्रतिदिन सुबह आठ बजे से सूर्यास्त तक मंदिर खुला रहेगा। रविवार को श्रद्धालु मां की आशीर्वाद लेने के साथ-साथ कोरोना मुक्ति की प्रार्थना की है।