रोहतास में कुख्यात कल्लू खां को गोलियों से भूना:पत्नी संग चुनाव प्रचार के लिए निकला था,
3 अपराधियों ने 10 गोली मारी
रोहतास में शनिवार की अहले सुबह कुख्यात अपराधी कल्लू खां की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधियों ने उसे 10 गोलियां मारी है, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटनास्थल शिवसागर थाना क्षेत्र के कैथी गांव में लोगों की भारी भीड़ जुट गई।
लोगों का कहना है कि कल्लू खां इस बार कोनार पंचायत से मुखिया पद पर अपनी पत्नी रानी खातून को चुनाव लड़वा रहा था। रोजाना की तरह आज भी वह चुनाव प्रचार (यहां मतदान 15 नवंबर को होने वाला है) के लिए बाइक से पत्नी के साथ सुबह करीब 6 बजे क्षेत्र में निकला था। इसी दौरान पहले से घात लगाए 3 अपराधियों ने उसे मार डाला।
कल्लू की पत्नी रानी खातून शव को पोस्टमॉर्टम के लिए उठने नहीं दे रही है। उसका कहना है कि गांव के ही इजहार ने हत्या की है। वह गांव में ही छिपा है। पुलिस जब तक उसे गिरफ्तार नहीं करती तब तक वह लाश नहीं उठने देगी।
इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस के अनुसार, हत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है। कल्लू खां आपराधिक प्रवृति का था। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। कुख्यात कल्लू खां उर्फ फिरोज खां कैमूर जिले के सिकठी गांव का रहने वाला था। पुलिस से बचने के लिए वह रोहतास जिला के शिवसागर थाना क्षेत्र अंतर्गत कैथी गांव में रहता था।
हरे दुपट्टे में कल्लू खां की पत्नी मुखिया उम्मीदवार रानी खातून।
20 कांडों में वांछित था कल्लू
2007 में पुलिस हिरासत से फरार हुआ कल्लु दो दर्जन से ज्यादा अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका था। इसमें हत्याएं, बैंक डकैती और अपहरण के मामले भी शामिल हैं। उसके ऊपर रोहतास व कैमूर में दो दर्जन मामले दर्ज थे।
शिवसागर प्रखंड के कोनार पंचायत के वार्ड सदस्य तारा खातून के पुत्र खुर्शीद की हत्या मामले में 2018 में गिरफ्तार हुआ था, अभी जमानत पर बाहर था। इसके पहले कल्लू तेलड़ा के नरोसह मुसहर, कैथी के जगदेव साह व शिवप्रसाद साह समेत आधा दर्जन लोगों की हत्या समेत अन्य घटनाओं को अंजाम दे चुका है। सासाराम में भी वर्चस्व स्थापित करने को लेकर कपड़ा व्यवसायी समेत अन्य को भी गोली मारी थी। लगभग 20 कांडों में कल्लू वांछित था।
मनु महाराज की अनुशंसा पर लगा था CCA
2011 मे जेल में बंद कल्लू खां पर जेल से ही अपराध के नेटवर्क का संचालन करने का आरोप लगा था। जेल में बंद होने के दौरान ही चार संगीन मामलों के तार इससे जुड़े होने की बात सामने आई थी। तब तत्कालीन SP मनु महाराज ने उस पर CCA लगाने का प्रस्ताव पटना भेजा था। उनकी अनुशंसा पर ही उस पर CCA लगा था।
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