उम्र भर नींद से परेशान रहे कैलाश जोशी को आ गई अंतिम नींद
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कैलाश जोशी का रविवार दोपहर 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1977 में मुख्यमंत्री बने कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी थे। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के तकरीबन 7 महीने बाद ही उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। और इसकी वजह थी उनके सोने की आदत। उनकी नींद, मध्यप्रदेश की सियासत का सबसे बड़ा मुद्दा हुआ करती थी।
दरअसल 1975 में देश में आपातकाल लगने के बाद 1977 में देश में चुनाव हुए थे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव हुए। जनता पार्टी को विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत मिली और कांग्रेस की हार हुई। और मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार गैर कांग्रेसी नेता, कैलाश जोशी मुख्यमंत्री बने।
फाइल साइन करते हुए सो जाते थे जोशी
26 जून, 1977 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन इसके तकरीबन 7 महीने बाद ही उनके बर्ताव में अजीब सा बदलाव देखा जाने लगा। कैलाश जोशी मुख्यमंत्री रहते हुए दिन में 18-18 घंटे तक सोते रहते थे। वे हफ़्तों तक सचिवालय नहीं जाते थे। यहां तक कि अफसर जब फाइलें लेकर उनके घर जाते थे तो कई बार फाइलों पर साइन करते करते सो जाते थे। उनकी नींद के कारण तरह-तरह की बातें सामने आने लगीं थी।
इसी बीच उन्हें एक बार जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के एक बड़े नेता से मिलने के लिए भेजा गया। कैलाश जोशी अपने आवास से उस नेता से मिलने के लिए उस स्थान के लिए रवाना हुए जहां मुलाकात होनी थी। लेकिन थोड़ी ही देर बाद उन्हें नींद आने लगी। उन्होंने अपने ड्राइवर को गाड़ी घूमाने के लिए कहा। जोशी अपने आवास वापस पहुंचे और गहरी नींद में सो गए। वहीं, केन्द्रीय नेतृत्व से आए नेता उनसे मुलाकात के लिए इंतजार ही करते रहे।
पीएम को भी पीठ दिखाकर सो गए
इसके बाद उनकी इस आदत के चर्चे राजधानी तक में होने लगे। केन्द्र में उस वक्त भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। प्रधानमंत्री थे मोरारजी देसाई। इस खबर के चलते उन्होंने तीन दिनों का एमपी दौरा निर्धारित किया। मोरारजी देसाई भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे। प्रोटोकॉल के मुताबिक कैलाश जोशी को पीएम की आगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचना था। लेकिन जोशी की जगह प्रधानमंत्री की आगवानी के लिए एयरपोर्ट पर वीरेन्द्र कुमार सकलेचा आए।
नींद की वजह से छोड़ना पड़ा मुख्यमंत्री पद
यह देखकर मोरारजी देसाई एयरपोर्ट से सीधे कैलाश जोशी के सीएम आवास पहुंचे। वहां उन्होंने कैलाश जोशी को सोते हुए पाया। जब कैलाश जोशी को मोरारजी देसाई के आने की खबर दी गई, तब भी जोशी के बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया। वो गहरी नींद में ही सोते रहे और दूसरी तरफ करवट लेकर सो गए। उनकी जांच में पाया गया कि एक बीमारी के चलते जोशी को इतनी नींद आती थी। और इसी नींद की बीमारी के चलते कैलाश जोशी को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।