कैलाश चौधरी ने गिनाई कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां
नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी में सरकार की कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां गिनाते मंगलवार को लोकसभा में कहा कि इन कानूनों से किसान को जहां ज्यादा दाम मिलेगा वहीं कही पर भी फसल बेच सकेगा और कांट्रेक्ट फार्मिंग में किसान की जमीन गिरवी नहीं रखी जाएगी।
चौधरी ने राष्ट्रपति में अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, “सबसे अधिक समय तक देश में राज करने वाली पार्टी ने किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति की है। अगर इतने वर्षों में किसानों की वास्तविक रूप से सुध ली जाती तो आज हालत ऐसी नहीं होती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार किसानों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले लिए गए जिसका सभी को फायदा हुआ है। सरकार किसानों के खातों में सीधे प्रति वर्ष छह हजार रुपये डाल कर किसानों का सम्मान कर रही है।”
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई है। कृषि कानूनों से किसान को जहां ज्यादा दाम मिलेगा वहीं किसान अब कही पर भी फसल बेच सकेगा जबकि कांट्रेक्ट फार्मिंग में किसान की जमीन गिरवी नहीं रखी जाएगी। किसानों को अपनी पैदावार को अपने मनचाहे स्थान पर बेचने की आजादी नही थी लेकिन कानून ने किसानों को आजादी दी है। किसानों को मंडी परिधि के बाहर कोई टैक्स नही देना पड़ेगा।
उन्होंने कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इन कानूनों में अगर कहीं भी किसानों की जमीन छीनने का प्रावधान हो तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। किसानों प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने लगातार बात की है और किसानों के प्रारंभिक मुद्दों पर सहमति भी बन गई लेकिन अब किसान कानूनों को वापस करने पर अड़ गए हैं। चौधरी ने कहा कि वर्ष 2013-14 में कृषि का बजट 22 हजार करोड़ रुपए था जिसमें आधे से अधिक रकम इस विभाग के कर्मचारियों को वेतन देने में चला जाता था लेकिन आज उनकी सरकार में कृषि बजट एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये है। 75 हजार करोड़ रुपये तो सीधे किसानों के खातों में जाता है।