ज्योतिरादित्य सिंधिया की खामोशी ने उठाए सवाल

वर्तमान मंत्री राम मोहन ने दिल्ली विमानस्थल की बनावट को 2009 में बनाए जाने की सूचना देते हुए कहा कि इस हादसे के जिम्मेदारी यूपीए को देनी चाहिए।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की खामोशी ने उठाए सवाल: बारिश में हुए हदसों पर क्यों नहीं दिया रिएक्शन?

नई दिल्ली: दिल्ली, जबलपुर और राजकोट में हुए हदसों के बाद भी पूर्व नागरिक विमानन मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब तक ट्विटर पर किसी भी प्रकार का प्रतिक्रिया नहीं दी है। बारिश के दौरान हुए ये घटनाएं न केवल आम जनता के सुरक्षा से जुड़ी थीं, बल्कि इन्हें सुरक्षित बनाने का जिम्मा भी उन्हीं पर था, जब वे नागरिक विमानन मंत्री थे।

वर्तमान मंत्री राम मोहन ने दिल्ली विमानस्थल की बनावट को 2009 में बनाए जाने की सूचना देते हुए कहा कि इस हादसे के जिम्मेदारी यूपीए को देनी चाहिए। इसके बावजूद, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन हादसों पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे उन पर गहरा सवाल उठ रहा है।

इसी बीच, ज्योतिरादित्य सिंधिया को इन हादसों के बाद ओम बिड़ला और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने का समय मिला था। उन्होंने अपनी इन मीटिंग्स की जानकारी ट्विटर पर शेयर की, लेकिन हादसों पर कोई ट्वीट नहीं किया। यह वाकई आश्चर्यजनक है कि वे अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी को इतनी भावनात्मक तरीके से नहीं निभा पा रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस खामोशी ने समाज में बड़ी उतार-चढ़ाव उत्पन्न किया है। जनता में उनकी इस अक्लबीनता पर उनकी तारीफें हो रही हैं, लेकिन वे इस विवाद में बराबर उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। आज की यह खबर यहां खत्म होती है।

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