बीमारियों का घर जंक फूड, इन चीजों से करे परहेज़!
अतीत में लोग आमतौर पर सेहतमंद हुआ करते थे। घर में अपने परिवार के साथ ताजा और पौष्टिक भोजन किया करते थे। आज सब बदल
-राजेश माहेश्वरी
पिछले कुछ सालों में जंक फूड खाने का प्रचलन काफी बढ़ा है। हर जगह आसानी से मिलने वाले इन फास्ट फूड की वजह से हार्ट और पेट से संबंधित बीमारियां बढ़ रही है। अब छोटे बच्चों को भी जंक फूड खाने की आदत हो गई है। पीजा, बर्गर, और चिप्स जैसे फास्ट फूड्स को बच्चे बड़े शौक से खा रहे है। आईसीएमआर के मुताबिक, जंक फूड में पोषक तत्व नमक, चीनी और वसा की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। जंक फूड खाने के बाद मेटाबॉलिज्म काफी धीरे होता है जिससे मोटापा बढ़ता है। जंक और प्रोसेस्ड फूड न केवल शारीरिक नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि इसमें मिले नमक और चीनी का असर दिमाग पर भी पड़ता है। इसका स्वाद हमें लत की ओर ले जाता है, जो नशे की तरह है।
अतीत में लोग आमतौर पर सेहतमंद हुआ करते थे। घर में अपने परिवार के साथ ताजा और पौष्टिक भोजन किया करते थे। आज सब बदल गया है। अनेक लोग विशेषकर बच्चे फास्ट फूड पसंद करते हैं। दरअसल, आजकल अभिभावक अधिक समय तक काम करते हैं और उनके पास भोजन बनाने के लिए समय कम होता है। फिर विज्ञापन, टीवी, पत्रिका और इंटरनेट से अनेक प्रकार के उपलब्ध भोजन की लोगों में जानकारी बढ़ गई है। फास्ट फूड स्वादिष्ट और सुविधाजनक होता है, मगर स्वास्थ्य कर नहीं होता। बहुत से बच्चे मोटापे और अनेक रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं। अत्याधिक वसायुक्त और तैलीय पदार्थ एवं स्वादिष्ट बनाने के लिए तरह-तरह के रसायन आधारित पदार्थ को मिलाकर बाजार में अपनी अत्याधिक कमाई के लिए उसे आकर्षक बना कर बाजार में उतारते हैं।
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक फास्ट फूड में कैलोरी और एडेड शुगर की मात्रा ज्यादा होती है, जबकि पोषक तत्व बेहद कम होते हैं। फास्ट फूड में ट्रांस फैट होता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक माना जाता है। ज्यादा फैट, शुगर और नमक का कॉन्बिनेशन फास्ट फूड को स्वादिष्ट तो बना देता है लेकिन इससे हमारी बॉडी की फंक्शनिंग बुरी तरह प्रभावित होती है। यह तीनों चीजें कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर दबाव बना देती हैं और लोग बीमार हो जाते हैं। फास्ट फूड खाने से कुछ देर के लिए आपकी भूख शांत हो सकती है, लेकिन लंबे समय के लिए ऐसा करना खतरनाक होता है। जंक फूड और फास्ट फूड में मौजूद तत्व आपकी प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि प्रोसेस्ड फूड में मौजूद रसायन शरीर में हार्मोन की फंक्शनिंग को प्रभावित करते हैं और रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी कम हो जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जंक फूड का स्वाद कुछ ऐसा होता है कि एक बार बच्चे इसे खाने लगें तो उन्हें आदत लग जाती है। इसके बाद वे चाहकर भी फास्ट फूड का सेवन बंद नहीं कर पाते हैं। लगातार जंक फूड के सेवन से बच्चों में सुस्ती और थकान की समस्या रहती है। कुछ बच्चों में हार्मोनल असंतुलन की परेशानी भी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को जंक फूड के सेवन से रोका जाए। अगर फास्ट फूड का सेवन इसी तरह चलता रहा तो ये भविष्य के लिए एक बड़ा संकट हो सकता है।
पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि बच्चों में मोटापा काफी बढ़ रहा है। वजन बढ़ने से बच्चों को टाइप-2 डायबिटीज भी हो रही है। जंक फूड से पेट और लिवर से संबंधित बीमारियां होने का भी खतरा रहता है। अगर बच्चे नियमित रूप से जंक फूड खाते हैं तो उनको कम उम्र में ही फैटी लिवर की परेशानी हो सकती है और आंतो में संक्रमण भी हो सकता है। बच्चों में जंक फूड खाने का शौक बढ़ने के पीछे माता-पिता का भी कुछ योगदान है। क्योंकि कई बार समय की कमी की वजह से बच्चों के लिए फास्ट फूड ऑर्डर कर देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। माता-पिता को चाहिए की वे बच्चों को जंक फूड के नुकसानों के बारे में बताएं। उन्हें खाने के लिए प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन दें। बच्चों की डाइट पर ध्यान दें और उन्हें फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए भी प्रेरित करें।
बच्चा अगर खेलकूद में ध्यान देगा तो उसका मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा और मोटापा नहीं बढेगा। जंक फूड के लिए नामी हस्तियां विज्ञापन और टीवी के माध्यम से ऐसे उत्पादों का प्रचार करती हैं। जनहित की रक्षा के लिए ऐसे कंपनियों का प्रचार पर रोक लगाने की जरूरत है। साथ ही एक कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है, क्योंकि किसी के जीवन से खिलवाड़ करना उचित नहीं है।
-लेखक उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।