धनबाद में जज की हत्या का मामला:हाईकोर्ट में CBI ने बताया

जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई थी, साजिश करने वालों तक CBI जल्द पहुंचेगी

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि परिस्थितयां बयां कर रही है कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है।

धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या मामले की सुनवाई गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। इस दौरान CBI के जॉइंट डायरेक्टर ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘CBI हर एंगल पर जांच कर रही है। अभी जांच जारी है और किसी भी एंगल को नहीं छोड़ा जाएगा।’

CBI के जॉइंट डायरेक्टर ने कहा, ‘पकड़े गए दो आरोपियों में से एक प्रोफेशनल मोबाइल चोर है। वह जांच एजेंसी को हर बार नई कहानी बताकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन CBI के 20 ऑफिसर उससे कड़ाई से पूछताछ कर रहे हैं। अब बिल्कुल साफ हो गया है कि जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई थी। इसकी साजिश करने वालों तक CBI जल्द पहुंच जाएगी।’

16 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने CBI जांच पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने CBI के जोनल डायरेक्टर को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘CBI हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट दे रही है, लेकिन उसमें कुछ भी नया नहीं है।’ इस मामले में लखन वर्मा और राहुल वर्मा को पुलिस ने 29 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

जज को टक्कर मारने के आधे घंटे बाद ही ऑटो गोविंदपुर में पेट्रोल पंप पर देखा गया था। CCTV फुटेज में इस बात का पता चला है।

पिछली सुनवाई में क्या कहा था कोर्ट ने
16 सितंबर को अदालत ने कहा था, ‘परिस्थितियां बयां कर रही हैं कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है। हमें रिजल्ट चाहिए, सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा। CBI अभी भी सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ सकी है। ऑटो चालक ने धक्का मारकर जज की हत्या क्यों की? यह मिस्ट्री अभी तक हल क्यों नहीं हो सकी है?’

ऑटो को हथियार के रूप में किया गया है इस्तेमाल
कोर्ट ने कहा था, ‘यह पहला मामला है जिसमें हत्या के लिए ऑटो को हथियार के रूप में प्रयोग किया गया है, ताकि जांच एजेंसियां उलझ जाएं। CCTV फुटेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि ऑटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है।’

गैंगस्टर समेत 15 अपराधियों का केस देख रहे थे उत्तम आनंद
उत्तम आनंद होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पोस्टमॉर्टम में जज उत्तम आनंद के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान मिले थे।

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