यूपी बोर्ड पेपर लीक मामले में गिरफ्तार पत्रकारों को मिली जमानत, पुलिस ने हटाई धाराएं
यूपी बोर्ड पेपर लीक मामले में गिरफ्तार पत्रकारों को मिली जमानत
लखनऊ: यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान इंटरमीडिएट इंग्लिश सब्जेक्ट के पेपर लीक मामले के आरोपी पत्रकारों को जमानत मिल चुकी है. उन्हें सोमवार शाम आजमगढ़ जेल से रिहा किया जा सकता है. पेपर लीक मामले में खबर छापने के बाद पत्रकार दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता व अजित ओझा को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद लगातार विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे थे.
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट अंग्रेजी का पेपर लीक होने के मामले में पत्रकारों पर कार्रवाई की गई थी. पत्रकार दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता और अजित ओझा को अरेस्ट किया गया था. पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद लगातार विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे थे. इसके साथ ही पुलिस मामले की जांच कर रही थी. इसी जांच में बलिया पुलिस ने पत्रकारों पर से धारा 420, 467, 471 को हटा दिया. जिसके बाद अब आईटी एक्ट परीक्षा अधिनियम की धारा में जांच की जा रही है.
रिहाई की मांग को लेकर लगातार हो रहे थे प्रदर्शन
पिछले 22 दिनों से गिरफ्तार पत्रकारों की रिहाई को लेकर कई जगहों पर आंदोलन चलाए जा रहे थे. इससे शासन व प्रशासन पर दबाव बन रहा था. वहीं जेल भेजे गए पत्रकारों के खिलाफ कोई ठोस सबूत भी पुलिस के पास नहीं थे, जिससे यह साबित किया जा सके कि पेपर लीक मामले में उनकी सीधे तौर पर हाथ है. इसी के बाद गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को जमानत दे दी गई. बताया जा रहा है कि शाम तक सभी को जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
जमानत होने से परिजनों को मिली राहत
गिरफ्तार किए गए तीनों ही पत्रकारों के ऊपर से गंभीर धाराओं को हटाए जाने और जमानत मिलने के बाद उनके परिजनों में ख़ुशी की लहर देखने को मिली. वहीं उनके समर्थन में कई संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. इसी मामले में जिला जज के यहां से सभी की जमानत मंजूर कर ली गई है.