दिल्ली हिंसा के आरोपी JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को मिली जमानत
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा के आरोपी और जवाहर लाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को गुरुवार को जमानत दे दी गई. दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने उमर खालिद को जमानत दी है. कोर्ट ने खालिद को जमानत देते हुए शर्त रखी है कि उन्हें अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा. उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट के जरिए आरोपी बनाया था. इस मामले में उमर खालिद को पहली बार जमानत मिली है.
जमानत के साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उमर खालिद को कोर्ट की हर तारीख पर पेश होना होगा. साथ ही वो न तो गवाहों को प्रभावित करेगा और न ही सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश करेगा. साथ ही समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करेगा. कोर्ट ने इसके साथ ही आदेश दिया कि वो खजूरी खास के एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर देगा और हर समय मोबाइल को ऑन रखना उसके लिए अनिवार्य होगा.
इस दौरान कोर्ट ने कहा कि उसे अनिश्चितकाल तक के लिए जेल में नहीं रख सकते हैं क्योंकि उसकी पहचान हो गई. ऐसे में उसे जमानत मंजूर की जाती है.
गौरतलब है कि पुलिस ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में उमर खालिद को यूएपीए के तहत चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट के अनुसार 2016 के दौरान जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाह अल्लाह इंशा अल्लाह का नारा देने के बाद आरोपी उमर खालिद ने 2020 में आपराधिक साजिश रची और नारा दिया तेरा मेरा रिश्ता क्या है ला इल्लाह इलल्लाह.
इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस चार्जशीट में कई सबूत भी दिए थे जैसे कॉल डिटेल्स, फोटो, वॉटसएप चैट आदि. पुलिस के अनुसार दिल्ली हिंसा की पूरी वारदात को उमर खालिद पीछे बैठ कर कंट्रोल कर रहा था. हिंसा से ठीक एक दिन पहले 23 फरवरी उमर समस्तीपुर निकल गया था. इसके बाद वो लगातार हिंसा से जुड़े मामलों की अपडेट लेता रहा.