जेएल 50: टाइम मशीन के बिना टाइम ट्रैवल!
-ए॰ एम॰ कुणाल
इन दिनो ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर देओल फ़ैमिली छाई हुई है। पहले बॉबी देओल और अब अभय देओल ने इंट्री की है। अभय देओल और पंकज कपूर द्वारा अभिनीत वेब सीरीज़ “जेएल 50” साइंस फिक्शन स्टोरी है, जिसमें टाइम ट्रैवल थ्योरी का तड़का है। इस वेब सीरीज़ को देखते समय दर्शक बिना “टाइम मशीन” के टाइम ट्रैवल का मज़ा ले सकते है। “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों,” के तर्ज़ पर पंकज कपूर आपको चाटर प्लेन से आसमान में छेद कर 35 साल पीछे ले जाते नज़र आयेंगे।
जेएल 50 की प्रोड्यूसर रीतिका आनंद हैँ , जो इस फ़िल्म की लीड हिरोइन भी है। रीतिका आनंद का एक बेहतरीन फिल्म को चार एपिसोड की वेब सीरीज बनाने का आईडिया समझ से परे है। वैसे भी जेएल 50 देखने में वेब सीरीज़ कम, फ़िल्म ज़्यादा लगती है। इसके आधे-आधे घंटे के चार एपिसोड है, जिसे दर्शक फ़िल्म की तरह एक बार में पूरी देख सकते है।
कहना ग़लत नहीं होगा कि आने वाला दौर ओटीटी प्लैटफॉर्म्स का ही है। ऐसे में किसी को मार्केट में टिकना है तो उसे अपने कंटेंट और क्वॉलिटी पर भी ध्यान देना होगा। जेएल50 को उसी दिशा में एक प्रयास है। शैलेंदर व्यास द्वारा निर्देशित “जेएल 50” विमान के रहस्यमयी तरीके से गुम हो जाने की कहानी है, जिसकी जांच सीबीआई ऑफ़िसर शांतनु (अभय देओल) करते है।
जेएल 50 की कहानी एक विमान हादसे से शुरु होती है। इसी नाम का एक विमान 1984 में ग़ायब हो गया था, और अब इतने सालों बाद 2019 में वह विमान पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाक़े में क्रैश हो जाता है।
उसी दिन एओ26 नाम का एक प्लेन नक्सलियों द्वारा हाईजैक कर लिया जाता है, जिसमें कई राजनेता मौजूद होते हैं। इस मामले की जांच सीबीआई ऑफिसर शांतनु (अभय देओल) और गुरांगो (राजेश शर्मा) को दी जाती है। नक्सलियों द्वारा हाईजैक किए गए विमान एओ26 की तलाश के दौरान उन्हें पुराना विमान जेएल 50 मिल जाता है। जिसके दो यात्री ज़िन्दा मिलते है। पाइलट भीऊ घोष (रितिका आनंद) और प्रोफ़ेसर मित्रा (पीयूष मिश्रा) इस दुर्घटना में बच जाते है पर उन लोगों की ना तो उम्र बढ़ी और ना ही उन्हें पता कि वे 35 सालों से कहां थे।
शांतनु जब जेएल 50 विमान हादसे में बचे पाइलट भीऊ घोष (रितिका आनंद) से मिलता है, तो पता चलता है कि जो विमान 35 साल पहले लापता हो गया था भीऊ घोष उस विमान की पाइलट है। शांतनु को लगता कि जो प्लेन नक्सिलयों ने हाईजैक किया है, उनकी ही कोई साजिश है। उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए स्टोरी प्लांट की है। शांतनु को प्रोफ़ेसर मित्रा और भीऊ घोष के नक्सलियों के साज़िश में शामिल होने का शक होता है। हालांकि, सीबीआई ऑफिसर शांतनु के पास इस बात का जवाब नहीं होता है कि आखिर 35 साल पहले गायब हुआ विमान अचानक कहां से आ गया।
इस बीच शांतनु क्वांटम फिजिक्स के प्रोफ़ेसर शुभ्रतो दास (पंकज कपूर) से मिलता हैं, जो प्रोफ़ेसर मित्रा के शिष्य रह चुके है। प्रोफ़ेसर दास बताते है कि विमान “टाइम ट्रेवलिंग’ के कारण 35 साल बाद वापस आया है। दरअसल “टाइम ट्रेवलिंग” पर किताब सम्राट अशोक ने तैयार करवाई थी। उस किताब के कुछ पन्ने अंग्रेजों के हाथ लग गए थे। जिसके बाद “प्रोजेक्ट अशोक” नाम से रिसर्च का काम लंबे समय तक चलता रहा था, जिस टीम के हेड प्रोफ़ेसर मित्रा के पिता थे। भारत की आजादी के बाद उस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया था पर प्रोफ़ेसर मित्रा के पिता ने इस रिसर्च को जारी रखा था। बाद में प्रोफ़ेसर मित्रा भी उस प्रोजेक्ट पर लग गए थे और एक दिन वह उस कोर्ड का पता कर लेते है जिससे टाइम ट्रैवल किया जा सकता हैँ। प्रोफ़ेसर मित्रा यह राज अपने स्टूडेंट प्रोफ़ेसर शुभ्रतो दास (पंकज कपूर) को बता देते है और प्रयोग के तौर पर जेएल 50 विमान के हाईजैक का प्लान बनाते है।
जब शांतनु को प्रोफ़ेसर दास की बात पर विश्वास नहीं होता है तो वे “टाइम ट्रेवलिंग” के ज़रिये 1984 में ले जाने का दावा करते है। शांतनु , भीऊ घोष और प्रोफ़ेसर दास “टाइम ट्रेवलिंग” के द्वारा 35 साल पीछे चले जाते है। उसके बाद सीबीआई ऑफ़िसर शांतनु जेएल 50 की गुत्थी सुलझा पाता है या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा।
अभय देओल ने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है। खासतौर से वह दृश्य देखने लायक है जब अभय देओल 35 साल पीछे जाकर अपने जन्म के रहस्य को जान कर भावुक हो जाते है।
पंकज कपूर का काम हमेशा की तरह काफ़ी अच्छा है। वे बिल्कुल अपने किरदार में नज़र आते है। पीयूष मिश्रा का निगेटिव किरदार है पर आपको उससे नफ़रत नहीं बल्कि प्यार हो जाएगा। लगता है कि रितिका आनंद ने प्रोड्यूसर होने का फायदा नहीं उठाया। रितिका आनंद का छोटा रोल है पर अपना असर छोड़ने में वह कामयाब रही है। इसके अलावा राजेश शर्मा भी इतने मंझे हुए कलाकारों के बीच अपने ऐक्टिंग का लोहा मनवाने में सफल रहें है।
शैलेंदर व्यास अपनी कलम और निर्देशन से जेएल 50 वेब सीरीज़ में जबरदस्त सस्पेंस और थ्रिलर पैदा करने में सफल रहे है। इस वेब सीरीज़ के ज़रिये जिस आसानी से ‘टाइम ट्रेवलिंग’ की थ्योरी दर्शकों को समझाई गई है, उसके लिए शैलेंदर व्यास तारीफ़ के पात्र है। जेएल 50 में आपको आज का कोलकाता और 1984 का कोलकाता देखने को मिलेगा।
कलाकार: अभय देओल, पंकज कपूर, रितिका आनंद, पीयूष मिश्रा, राजेश शर्मा आदि।
लेखक-निर्देशक: शैलेंद्र व्यास
ओटीटी: सोनी लिव