J&K High Voltage Drama विधानसभा में हंगामा, हाथापाई और आर्टिकल 370 पर संग्राम
J&K विधानसभा में तीसरे दिन भी विशेष दर्जे के मुद्दे पर हंगामा थमता हुआ नहीं दिखा। विधानसभा में स्थिति लगातार बिगड़ती गई, और विपक्षी विधायकों के साथ भाजपा विधायकों के बीच तीखी झड़पें हुईं।
J&K विधानसभा में हंगामा: तीसरे दिन भी विपक्ष का विरोध जारी
J&K विधानसभा में तीसरे दिन भी विशेष दर्जे के मुद्दे पर हंगामा थमता हुआ नहीं दिखा। विधानसभा में स्थिति लगातार बिगड़ती गई, और विपक्षी विधायकों के साथ भाजपा विधायकों के बीच तीखी झड़पें हुईं। यह विवाद मुख्य रूप से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे पर केंद्रित था, जिससे संबंधित प्रस्ताव पर घमासान मच गया।
J&K विशेष दर्जे पर संग्राम
J&K को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को लेकर लगातार विवाद और विरोध जारी है। भाजपा विधायकों ने इस विशेष दर्जे को चुनौती देने वाली विचारधाराओं का विरोध किया, जबकि विपक्षी दलों के विधायक इस मुद्दे पर जोरदार विरोध कर रहे थे। भाजपा ने “पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा” जैसे नारे लगाकर अपनी स्थिति स्पष्ट की, और इसके बाद ही विधानसभा में हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।
विधायक आपस में भिड़े
जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन के वेल में कूद पड़े। उनकी ओर से किए गए विरोध और नारेबाजी ने सदन में हंगामे को और बढ़ा दिया। इसके बाद, स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने मार्शलों को आदेश दिया कि वे भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकालें। इसके बाद एक और अप्रत्याशित घटनाक्रम हुआ, जब 12 विपक्षी विधायकों और लंगेट विधायक शेख खुर्शीद को सदन से बाहर कर दिया गया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
भाजपा विधायकों का वॉकआउट
मार्शल के द्वारा बाहर निकाले जाने के बाद, भाजपा के 11 और विधायकों ने विरोधस्वरूप सदन से वॉकआउट किया। भाजपा के नेता अपनी स्थिति पर अडिग थे और उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल राज्य में विशेष दर्जे को लेकर भ्रम और गलत सूचना फैला रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सदन में एकतरफा तरीके से अपना एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रही है।
विधानसभा की स्थिति बद से बदतर
सदन की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। कई विधायकों ने आपस में छक्का-मुक्की की और हाथापाई की, जिससे कार्यवाही को बार-बार रोकना पड़ा। हंगामा इतना बढ़ गया था कि स्पीकर को कई बार कार्यवाही को स्थगित करने का आदेश देना पड़ा।
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भविष्य में क्या?
J&K विधानसभा में जारी इस घमासान का कोई हल अब तक नहीं निकला है। विशेष दर्जे का मामला इतना संवेदनशील है कि दोनों पक्षों के बीच संवाद की कमी और नफरत की खाई और गहरी हो गई है। राज्य की राजनीतिक स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और यह देखने वाली बात होगी कि भविष्य में यह विवाद किस दिशा में जाएगा।