Jharkhand चुनाव 2024: दिग्गजों के लिए संताल और कोयलांचल में कड़ी चुनौती

harkhand विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होने जा रहा है, जिसमें 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

Jharkhand में दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को

Jharkhand विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होने जा रहा है, जिसमें 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, मंत्री सीता सोरेन, और विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी जैसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। यह चुनाव न केवल इन नेताओं के लिए, बल्कि राज्य की राजनीति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें संताल और कोयलांचल की सीटें शामिल हैं, जहां पर जातीय और क्षेत्रीय समीकरण महत्वपूर्ण होंगे।

हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की प्रतिष्ठा

Jharkhand मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो कि इस बार अपना चेहरा फिर से प्रस्तुत करने के लिए मैदान में हैं, को अपने गृह क्षेत्र की सीट पर कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हेमंत की सीट पर राजनीतिक मुकाबला बहुत दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि विपक्षी दल इस बार उनसे सत्ता छीनने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। वहीं, हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन भी अपनी सीट बचाने के लिए गंभीर चुनावी लड़ाई का सामना करेंगी। उनकी सीट पर यह चुनाव न केवल उनके व्यक्तिगत राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आदिवासी समुदाय के लिए भी एक अहम संदेश देने वाला हो सकता है।

सीता सोरेन और बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा

Jharkhand हेमंत सोरेन के अलावा, उनकी बहन सीता सोरेन और विपक्ष के प्रमुख नेता बाबूलाल मरांडी की भी प्रतिष्ठा इस चुनावी दौर में दांव पर है। सीता सोरेन, जो कि आदिवासी समुदाय से जुड़ी हुई हैं, अपनी सीट को बचाने के लिए खास चुनौती महसूस कर सकती हैं। वहीं, बाबूलाल मरांडी, जो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख विपक्षी नेता हैं, इस चुनाव में भाजपा के समर्थन से अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा ने इस बार आदिवासी और मूलवासी मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है।

पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर

दूसरे चरण के चुनाव में Jharkhand के 11 पूर्व मंत्रियों की सीटें भी दांव पर होंगी। इन मंत्रियों में कई ऐसे नेता शामिल हैं जिन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके लिए यह चुनावी मुकाबला खासतौर से अपने राजनीतिक करियर को मजबूत करने का अवसर होगा। इन नेताओं की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए यह चुनावी दौर कठिन होगा, क्योंकि विपक्षी दल उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।

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Jharkhand 20 नवंबर को होने वाला दूसरे चरण का मतदान झारखंड की राजनीति में बड़े उलटफेर का संकेत दे सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना, सीता सोरेन और बाबूलाल मरांडी जैसे दिग्गजों के लिए यह चुनाव अपने राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके अलावा, पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी इस चुनाव में दांव पर है, जिससे इस चरण के परिणाम राज्य की राजनीति के आगामी बदलावों का निर्धारण करेंगे।

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