Jharkhand : बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का निधन

Jharkhand के खूंटी जिले में एक सड़क दुर्घटना के बाद बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार को निधन हो गया। मंगल मुंडा को सिर में गंभीर चोटें आई थीं

Jharkhand के खूंटी जिले में एक सड़क दुर्घटना के बाद बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार को निधन हो गया। मंगल मुंडा को सिर में गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

Jharkhand दुर्घटना का विवरण

Jharkhand 25 नवम्बर को, मंगल मुंडा खूंटी जिले में एक यात्री वाहन की छत पर सवार थे। तभी वह अचानक गिर गए और सिर में गहरी चोटें आ गईं। घटना के बाद, उन्हें तुरंत रांची के RIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर बनी रही। डाक्टरों के प्रयासों के बावजूद, वह बच नहीं सके और शुक्रवार को उनका निधन हो गया।

बिरसा मुंडा का परिवार

मंगल मुंडा, महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के परपोते थे। बिरसा मुंडा को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष के लिए याद किया जाता है। मंगल मुंडा के निधन से परिवार और आदिवासी समुदाय में गहरा शोक है।

समुदाय में शोक

मंगल मुंडा के निधन की खबर ने Jharkhand और आस-पास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी है। आदिवासी समुदाय ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उनके निधन को एक बड़ा आघात माना जा रहा है, क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और सामुदायिक प्रतीक थे।

स्वास्थ्य और इलाज

RIMS अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार, मंगल मुंडा की चोटें अत्यधिक गंभीर थीं, और उनका इलाज शुरू होते ही उनकी स्थिति नाजुक हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने दुर्घटना के तुरंत बाद उचित चिकित्सा सहायता प्रदान की, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

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मंगल मुंडा का असमय निधन Jharkhand के आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनकी मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को बल्कि समूचे राज्य को शोकाकुल कर दिया है। बिरसा मुंडा के परिवार के सदस्य के रूप में, मंगल मुंडा ने आदिवासी समाज के लिए कई कार्य किए थे और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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