कहानी जेवेषु अहलूवालिया की
जीवेषु 4 साल के थे तो पिता का साथ छूटा, घर-घर जाकर बिस्किट बेचे, पिज्जा डिलीवरी और वेटर का काम किया, आज कॉमेडी के स्टार हैं
जीवेषु 4 साल के थे तो पिता का साथ छूटा, घर-घर जाकर बिस्किट बेचे, पिज्जा डिलीवरी और वेटर का काम किया, आज कॉमेडी के स्टार हैं
दिल्ली के रहने वाले जीवेषु अहलूवालिया का बचपन आर्थिक तंगहाली में गुजरा। 4 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई। घर में मां के सिवा कोई सहारा देने वाला भी नहीं था। कुछ साल तक उनकी मां ने जैसे-तैसे करके उन्हें पाला, लेकिन फिर पैसे की ज्यादा दिक्कत होने लगी। सोर्स ऑफ इनकम कुछ था नहीं, इसलिए जीवेषु ने कम उम्र में ही काम शुरू कर दिया। वे घर-घर जाकर बिस्किट, अगरबत्ती, जूस और वॉच बेचने लगे। इसके बाद एक साल तक PVR में नौकरी की, फिर पिज्जा डिलीवरी और वेटर का काम किया।
यानी साल दर साल उनका स्ट्रगल चलता रहा और एक के बाद एक काम बदलते रहे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। तमाम चुनौतियों का सामना करते गए। आज जीवेषु जाने-माने स्टैंडअप कॉमेडियन हैं। देश-दुनिया में उनका नाम है। 2 हजार से ज्यादा शो कर चुके हैं, कई अवॉर्ड्स उनके नाम हैं। बॉलीवुड फिल्मों और टेलीविजन ऐड्स में भी वे नजर आ चुके हैं। आज की खुद्दार कहानी में पढ़िए जीवेषु के शून्य से शिखर तक पहुंचने की दास्तान…
चटाई बिछाकर किराए पर किताबें प्रोवाइड कराते थे
स्टैंडअप कॉमेडियन के रूप में जीवेषु अहलूवालिया को देश और दुनिया में अच्छी खासी शोहरत मिली है।
जीवेषु बताते हैं कि पिता की मौत के बाद सबकुछ बिखर सा गया था। अपने पास कुछ खास बचा नहीं था। यहां तक कि मेरे लिए लंच बॉक्स, नई किताबें और ड्रेस खरीदने तक के पैसे नहीं थे। कुछ सालों तक तो सबकुछ उधार लेकर काम चला। घर में सोने के लिए न पलंग था न ही गद्दे। एक कमरे में चटाई पर सोना पड़ता था। कुछ सालों तक ऐसे ही चलता रहा।
सरकारी स्कूल से 10वीं करने के बाद मुझे कैसे भी करके कुछ न कुछ पैसे कमाना ही था, क्योंकि बिना पैसे के इसके आगे न तो मैं पढ़ सकता था और न ही खुद को सर्वाइव कर सकता था। इसलिए मैंने एक कॉमिक लाइब्रेरी शुरू की। मैं एक गैराज के सामने चटाई पर किताबें डालकर रखता था। इससे थोड़े बहुत पैसे मिल जाते थे, लेकिन गुजर-बसर करने के लिए यह भी कम था।
ब्लैक टिकट बेचने के आरोप में नौकरी से निकाले गए
इसके बाद जीवेषु ने कुछ अलग करने का सोचा और वे घर-घर जाकर बिस्किट और अगरबत्ती बेचने लगे। दिन भर घूमने और सामान बेचने के बाद उन्हें मुश्किल से 30 रुपए मिलते थे। इससे वे अपनी जरूरत की चीजें और परिवार का खर्च निकालते थे। इसी तरह कुछ साल तक उनका काम चलता रहा, जैसे-तैसे करके उनकी लाइफ आगे बढ़ती रही। इसके बाद उनकी नौकरी PVR मॉल में लग गई। उनके लिए यह बड़ी नौकरी थी। उन्हें यहां शो के दौरान टॉर्च दिखाने का काम मिला था, लेकिन यहां भी वे ज्यादा दिन नहीं रह सके। ब्लैक टिकट बेचने के आरोप में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उनके लिए बड़ा सेटबैक था।
एक के बाद एक कई जॉब बदलने पड़े
अपनी मां के साथ जीवेषु। वे जब चार साल के थे तब उनके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी मां ने ही उनको पाला।
जीवेषु कहते हैं कि तब मैंने तय कर लिया कि आज के बाद गलत काम नहीं करूंगा। चोरी कभी नहीं करूंगा, न दूसरों और न ही खुद से और खुद के काम से भी। और तब से लेकर अब तक मैंने एक दिन, एक पल भी खुद के काम से चोरी नहीं की। न ऑफिस में और न ऑफिस के बाहर। PVR से निकलने के बाद उन्होंने पिज्जा डिलीवरी का काम किया, फिर एक होटल में वेटर बने। इस तरह तीन साल तक उन्होंने काम किया। इसके बाद एक मित्र की मदद से उनकी जॉब एक कॉल सेंटर में लग गई। वे वहां काम करने लगे और साथ में अपनी पढ़ाई भी कर रहे थे। हालांकि उन्हें पढ़ने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता था, यही वजह रही कि उन्हें ग्रेजुएशन में सिर्फ 45% मार्क्स मिले।
शादी के एक साल बाद ही तलाक हो गया
वे बताते हैं कि आगे मैं MBA करके अच्छी नौकरी करना चाहता था, लेकिन दिक्कत यह थी कि इतने कम मार्क्स में मुझे न तो नौकरी मिलती और न ही कहीं MBA का ऑफर। इसलिए मैं कॉल सेंटर में ही नौकरी करता रहा। हालांकि जीवेषु की किस्मत चल निकली और अपनी मेहनत के दम पर वे इस कंपनी में आगे बढ़ते गए। 14 साल की इस नौकरी के दौरान वे कंपनी के डायरेक्टर पोस्ट पर भी पहुंच गए। उनका खुद का घर और खुद की गाड़ी भी हो गई।
जीवेषु कहते हैं कि मेरी लाइफ में उतार-चढ़ाव खूब आए, लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी और हमेशा आगे बढ़ता रहा।
इसी बीच उनकी शादी भी हो गई, लेकिन यह रिश्ता भी ज्यादा दिनों तक उनके साथ नहीं रहा। एक साल के भीतर उनका तलाक हो गया। वे कहते हैं कि अपनी कंपनी में मैं सैकड़ों लोगों को संभालता था, मैनेज करता था, लेकिन पर्सनल लाइफ में खुद की वाइफ को नहीं संभाल सका। यही तो जीवन है और उसकी हकीकत भी यही है। इससे आप मुंह नहीं मोड़ सकते हैं।
और एक दिन अचानक बदल गई जिंदगी
मार्च 2013 जीवेषु के लिए टर्निंग पॉइंट रहा। दरअसल एक दिन वे एक कॉमेडी शो देखने गए थे। ब्रेक के दौरान उन्होंने आयोजकों से आग्रह किया कि उन्हें भी परफॉर्म करने का मौका दिया जाए। उन्हें मौका मिल भी गया और अपनी तरफ से उन्होंने लोगों को हंसाने की कोशिश भी की। तब उन्हें लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
जीवेषु कहते हैं कि मुझे यह फील्ड अच्छा लगा और तय किया कि अब आगे इस फील्ड में किस्मत आजमाएंगे, अगर सफल रहा तो ठीक, नहीं तो एक साल बाद वापस अपनी जगह पर आ जाएंगे। ये सोचकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। वे अलग-अलग जगहों पर जाने लगे और कॉमेडी शो में पार्टिसिपेट करने लगे। यहां भी उनकी लाइफ में उतार-चढ़ाव जारी रहा, लेकिन उन्होंने कोशिश नहीं छोड़ी।
जीवेषु का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया था। उनका शुगर लेवल भी काफी ज्यादा हो गया था। डेली वर्क आउट के बाद उन्होंने काफी हद तक अपना वजन कम कर लिया।
इस सेक्टर में उन्हें बड़ी कामयाबी मिली 2014 में, जब उन्होंने रेडियो मिर्ची कॉमेडी किंग का अवॉर्ड जीता। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद उन्हें ऑफर मिलते गए और वे आगे बढ़ते गए। हालांकि एक वक्त उनका वजन काफी ज्यादा बढ़ गया और वे डायबिटीज का शिकार हो गए थे। जिसको लेकर लोग उनका मजाक भी उड़ाते थे, लेकिन उन्होंने मेहनत की, वर्कआउट किया और खुद का वजन 30 किलो तक कम कर लिया। उनका शुगर लेवल भी नॉर्मल हो गया।
2000 से ज्यादा शो, कई फिल्मों और टीवी ऐड्स में कर चुके हैं काम
कॉमेडी की दुनिया में जीवेषु को अच्छी शोहरत और कामयाबी हासिल है। वे भारत और भारत से बाहर 2 हजार से ज्यादा शो कर चुके हैं। लाखों लोग उनके चाहने वाले हैं। तमाशा फिल्म से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद हैप्पी फिर भाग जाएगी में भी उन्हें काम करने का मौका मिला। इसके अलावा वे मेक माय ट्रिप, फिलिप्स सहित कई बड़ी कंपनियों के विज्ञापन के लिए भी ऐड कर चुके हैं।
फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह के साथ एक टीवी ऐड शो के दौरान जीवेषु। जीवेषु बॉलीवुड फिल्में भी कर चुके हैं।