स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जवाहरलाल महाविद्यालय एटा में NSS की तीनो इकाइयों एवं महाविद्यालय के सभी विभाग व स्टाफ के सहयोग से मनाया गया स्वाधीनता दिवस

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जवाहरलाल महाविद्यालय एटा में NSS की तीनो इकाइयों एवं महाविद्यालय के सभी विभाग व स्टाफ के सहयोग से मनाया गया स्वाधीनता दिवस

 

*रिपोर्ट- आमिर हयात*

 

 

*स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जवाहरलाल महाविद्यालय एटा में NSS की तीनो इकाइयों एवं महाविद्यालय के सभी विभाग व स्टाफ के सहयोग से मनाया गया स्वाधीनता दिवस*

 

 

खबर उत्तर प्रदेश के जनपद एटा से जहां पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार आजादी के 76वें स्वतंत्रता दिवस को बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है

उसी क्रम में आज जनपद एटा के जवाहरलाल विश्वविद्यालय एटा में एनएसएस की तीनों इकाइयों एवं महाविद्यालय के सभी विभागों व स्टाफ के सहयोग से स्वाधीनता दिवस मनाया गया

 

आपको बता दें जवाहर विश्वविद्यालय स्थित पुस्तकालय सभागार में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण वादी प्रज्वलन के साथ स्वाधीनता दिवस का मुख्य समारोह प्रारंभ हुआ

वही जवाहर विश्व विद्यालय के प्राचार्य ने सर्वप्रथम उच्च शिक्षा निदेशक के संदेश का वाचन दिया

और सभी अतिथियों का फूल-माला पहनाकर स्वागत किया

इसके उपरांत NSS के वॉलिंटियर्स- लक्ष्मी चौहान, खुशी उपाध्याय, शिवांगी राघव, कामिनी, अनामिका वार्ष्णेय, शिप्रा, शिवि, महिमा मिश्रा, सौरभ वर्मा तथा प्रियांशु आदि ने देशभक्ति के गीतों और भाषणों से सभागार को गुंजायमान कर दिया व श्वेताओं ने बीच-बीच में वंदे मातरम, भारत माता की जय, इंक़लाब ज़िंदाबाद नारों से प्रतिभागियों में जोश बनाए रखा

 

वही इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर भूपेंद्र शंकर ने अपने सरपरस्तव्याख्यान में स्वाधीनता शब्द के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि-

 

यह स्वच्छंदता नहीं है बल्कि इनका आशय है- आत्मानुशासन, संयम, पुरुषार्थ, परिश्रम सुरक्षा, शांति, नीति व संकल्प |

स्वाधीनता सेनानियों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के साथ ही अन्य महापुरुषों का भी योगदान रहा है

प्राचार्य ने बताया आज भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्रीय है,| हमारी औसत आयु 28 वर्ष है, विश्व का नेतृत्व करने के लिए हमारे पास एक पीढ़ी थीं लगभग 25 वर्ष का समय है बूढ़ा होने से पूर्व हमें इस समय का सदुपयोग करना है

इस अवसर पर हिंदी विभाग के पूर्व प्रभारी डॉक्टर के. पी. सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए

 

इस दौरान एनएसएस की वॉलिंटियर्स ने प्राचार्य जी प्रधानाध्यापकों एवं अतिथियों के साथ ‘सेल्फी विद तिरंगा’ इवेंट आयोजित की महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण सिंह परिहार ने छात्रों को स्वाधीनता सेनानियों के जीवन और चरित्र से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय निर्माण में जुटने का आह्वान किया प्राचार्य जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ

 

इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ अनिल कुमार सक्सेना, श्री उमा शंकर उपाध्याय, श्री विजय कुमार, डॉ. नीलम गुप्ता, एवं महाविद्यालय के अनेक प्रधापकगण- डॉक्टर शकील अहमद, डॉक्टर भूपेंद्र सचान, डॉ सवेंद्र कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ राम सिंह, डॉक्टर राम अवध सिंह यादव, रवि यादव, डॉ अनुराग दुबे, डॉक्टर प्रदयुर्म चतुर्वेदी, डॉक्टर अमरजीत मिश्र, डॉ मनीष शर्मा, डॉक्टर अखिलेश कुमार, श्री विनोद मिश्र आदि उपस्थित रहें.

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