विक्रम सिंह पर जनेलवा हमला मामला, पुलिस ने किया उदभेदन

पटना में 18 सितंबर की सुबह जिम ट्रेनर विक्रम सिंह पर हुई गोलीबारी मामले का गुरुवार की शाम पटना पुलिस ने खुलासा कर दिया है। SSP उपेंद्र कुमार शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि विक्रम सिंह की हत्या की प्लानिंग सावन महीने से पहले ही हो गई थी। पटना के फेमस फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. राजीव कुमार सिंह की पत्नी खुशबू सिंह इस पूरे मामले की मास्टर माइंड है। पिछले तीन महीने से वो विक्रम की हत्या कराने की प्लानिंग में जुटी हुई थी।

पटना पुलिस ने बुधवार की रात ही मामले में नामजद डॉ. राजीव कुमार सिंह और उनकी पत्नी खुशबू सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था। गुरुवार की सुबह अरेस्ट कर लिया था। दिन भर दोनों को थाने में ही हिरासत में रखा गया था। देर शाम पुलिस खुशबू सिंह को महिला थाना से पेशी के लिए कोर्ट ले गई। जिम ट्रेनर गोलीकांड में डॉक्टर दंपती के गिरफ्तार होने के बाद भास्कर इस मामले में पहले ही बता चुका है कि जान से मारने के लिए शूटर को दिए गए थे 3 लाख रुपए, केस में नाम आते ही JDU ने डॉक्टर को पद से हटाया था।

SSP के अनुसार, दो टीम बनाई गई थी। एक टीम डॉक्टर और उनकी पत्नी के इतिहास को खंगालने में जुटी हुई थी तो दूसरी टीम अपराधियों का पता लगा रही थी। बकौल एसएसपी, घटनास्थल से जांच करती हुई हमारी टीम अपराधियों के ठिकाने तक जा पहुंची। अपराधी अगमकुआं थाना क्षेत्र के भागवत नगर इलाके में किराए के फ्लैट में रह रहे थे। तीन में से एक शूटर ने इस फ्लैट को ले रखा था। पुलिस को यहां तक पहुंचने में 48 घंटे लगे। अपराधियों को पता चल चुका था कि पुलिस उन तक पहुंचने वाली है। इस वजह से वह भागने की फिराक में थे। इससे पहले ही पकड़े गए।

पुलिस का दावा है कि अपराधियों ने नाम कबूल किया। पूरा प्लान बताया। इन अपराधियों को मिहिर सिंह ने विक्रम को मारने का ठेका दिया था। वारदात के बाद ही मिहिर दिल्ली फरार हो गया था। उसके परिवार पर जब दबाव पड़ा तो वो गुरुवार को वापस पटना लौटा। वह शाम 5 बजकर 20 मिनट की फ्लाइट से आया था। पुलिस ने मिहिर को भी गिरफ्तार कर लिया है। इसने भी वही कहानी बताई जो अपराधियों ने बताया था। अपराधियों को मिहिर ने दो महीने पहले रुपए दिए थे। जब एक बार काम नहीं हुआ तो मिहिर रुपए खुशबू को वापस कर इस झंझट से निकलना चाहता था। मगर, ऐसा हुआ नहीं। दबाव पड़ा और कांड हो गया।

SSP ने कहा कि इस वारदात के शुरुआती दौर की जांच में हमने डॉक्टर और उनकी पत्नी को क्लीनचिट दी थी। पुलिस ने पहले ये माना था कि ये दोनों पति-पत्नी निर्दोष हो सकते हैं। बाद में इतना सारा सबूत सामने आया कि इन्हें गिरफ्तार किया गया। अब इन दोनों को जेल भेज रहे हैं। पूछताछ में सारी बात को मानते हैं। लेकिन, वारदात में शामिल होने की बात से इनकार करते हैं। जिस एविडेंस के अभाव में 18 सितंबर को इन्हें छोड़ा था, गुरुवार को उसी एविडेंस के आधार पर राजीव कुमार सिंह और खुशबू सिंह को गिरफ्तार किया गया।

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