जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों की शुरुआत: एनसी, बीजेपी और कांग्रेस की रणनीतियाँ

आर्टिकल 370 की बहाली, जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा देने, राजनीतिक बंदियों को रिहा करने, और मुफ्त बिजली जैसी प्रमुख घोषणाएं शामिल हैं।

20 अगस्त 2024 से जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के पहले चरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसमें 24 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। इस पहले चरण में डोडा क्षेत्र के सभी 8 निर्वाचन क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय सम्मेलन (NC) का घोषणा पत्र: राष्ट्रीय सम्मेलन ने अपने घोषणा पत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसमें आर्टिकल 370 की बहाली, जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा देने, राजनीतिक बंदियों को रिहा करने, और मुफ्त बिजली जैसी प्रमुख घोषणाएं शामिल हैं। एनसी का दावा है कि ये कदम क्षेत्र की जनता के लिए बड़े सुधार होंगे और उन्हें अधिक स्वायत्तता देंगे।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रतिक्रिया: बीजेपी ने एनसी की घोषणाओं को भ्रामक करार दिया है। पार्टी का कहना है कि एनसी के वादे वास्तविकता से दूर हैं और उनके क्रियान्वयन में बाधाएं होंगी। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया है कि एनसी के वादे चुनावी लाभ के लिए किए जा रहे हैं और इससे जम्मू और कश्मीर की स्थिति में कोई ठोस बदलाव नहीं होगा।

कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जम्मू और श्रीनगर की यात्रा पर हैं, जहां वे चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि वे एनसी के साथ एक संभावित गठबंधन पर भी विचार कर सकते हैं, जिससे क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सके।

सुरक्षा चिंताएँ: चुनाव उम्मीदवारों की घोषणा के बाद सुरक्षा चिंताओं ने भी जोर पकड़ लिया है। संभावित आतंकवादी खतरों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

अन्य पार्टियों की तैयारियाँ: अन्य राजनीतिक दलों, जैसे कि आपनी पार्टी, भी चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। वे अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने और चुनावी मोर्चे पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं।

यह चुनावी प्रक्रिया जम्मू और कश्मीर के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, और सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी योजनाओं के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।

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