जमीयत की अर्जी पर अयोध्या भूमि विवाद में क्या पुनर्विचार करेगी सुप्रीम कोर्ट !
मुस्लिम पक्ष के एक दल जमीयत उलेमा ए हिन्द ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। संगठन के जनरल सेक्रेटरी ने सोमवार को संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। बता दें कि जमीयत उलेमा की 5 सदस्यीय कमिटी के सुझावानुसार याचिका दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 9 नवंबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला दिया था। इसमें विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिय गया था। वहीं, मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने के निर्देश दिए गए थे। इस फैसले से असंतुष्ट जमीयत उलेमा इ हिन्द ने 14 नवंबर को एक 5 सदस्यीय कमिटी का गठन किया। इस कमिटी की अध्यक्षता जमीयत के प्रमुख मौलाना अरशद मदानी को दी गई।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के सभी पहलुओं पर गौर करते हुए जमीयत प्रमुख ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया। जिसके बाद संगठन ने 2 दिसंबर, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद से ही फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल करने को लेकर मुस्लिम पक्षकार दो हिस्सों में बँट गए थे। एक पक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने के खिलाफ था।