Makki की मौत की पुष्टि, जमात-उद-दावा ने जारी किया बयान

Makki की मौत की पुष्टि की है। संगठन ने इस बारे में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मक्की बीते कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार था। उसे बढ़ते हुए डायबिटीज की समस्या थी

आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JuD) ने अपने एक प्रमुख सदस्य हाफिज सईद के करीबी सहयोगी, जकी-उर-रहमान Makki की मौत की पुष्टि की है। संगठन ने इस बारे में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मक्की बीते कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार था। उसे बढ़ते हुए डायबिटीज की समस्या थी और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बयान में यह भी कहा गया कि अस्पताल में इलाज के दौरान मक्की को हार्ट अटैक आया और इस कारण उसकी मौत हो गई।

बीमारी और स्वास्थ्य समस्याएं

जकी-उर-रहमान Makki का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं था। उसकी बढ़ती डायबिटीज की समस्या को लेकर उसे इलाज की जरूरत थी, और यह साफ था कि उसकी सेहत गंभीर रूप से प्रभावित हो रही थी। मक्की को दिल की बीमारी का पहले से इतिहास था, और उसकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं ने उसे और कमजोर बना दिया था। अस्पताल में भर्ती होने के बाद, मक्की की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया और अंततः उसे हार्ट अटैक आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

Makki की भूमिका और इतिहास

जकी-उर-रहमान Makki , पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा का एक प्रमुख नेता था और उसे हाफिज सईद के सबसे करीबी सहयोगियों में गिना जाता था। वह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों के साथ भी जुड़ा हुआ था, और इसके अलावा मक्की ने कई आतंकवादी गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मक्की पर भारत में कई हमलों और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था, और इसके कारण उसे भारत में वांछित व्यक्तियों की सूची में रखा गया था।

जमात-उद-दावा का बयान और प्रतिक्रिया

जमात-उद-दावा ने मक्की की मौत की जानकारी अपने आधिकारिक बयान में दी और उसे अपने संगठन का एक महत्वपूर्ण सदस्य बताया। संगठन ने मक्की की मृत्यु को एक बड़ी क्षति बताया और इसे एक गहरा दुखद घटनाक्रम करार दिया। हालांकि, मक्की की मौत के बाद आतंकवादी संगठन की गतिविधियों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना बाकी है। मक्की का संगठन में योगदान और उसकी भूमिका अब भी आतंकवादी गतिविधियों के संदर्भ में विवादों का हिस्सा बना हुआ है।

पाकिस्तान की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

मक्की की मौत पाकिस्तान में हुई है, और यह देश के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन सकता है। मक्की का नाम आतंकवाद से जुड़ा हुआ है, और उसकी मृत्यु के बाद पाकिस्तान सरकार को अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन देशों से जो मक्की और उसके संगठन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। भारत, अमेरिका और अन्य देशों ने मक्की और उसके जैसे आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की है, और यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान इस मामले में अपनी क्या स्थिति अपनाता है।

मक्की की मौत की पुष्टि करते हुए जमात उद दावा ने बतान भी जारी किया है। आतंकी संगठन का कहना है कि मक्की बीते कुछ दिनों से बीमार था। उसका डायबिटीज बढ़ा हुआ था और उसे इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इसी दौरान उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई।

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जकी-उर-रहमान मक्की की मौत ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। मक्की का आतंकवादी गतिविधियों में बड़ा योगदान रहा है, और उसकी मृत्यु के बाद जमात-उद-दावा और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर सवाल उठने लगे हैं। यह पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक अहम मोड़ है, और मक्की की मौत के बाद उसकी विरासत और आतंकवाद से जुड़े मुद्दे फिर से चर्चा का विषय बन सकते हैं।

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