जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले की सुनवाई 5 मार्च को Sambhal Court में?
Sambhal जिले में स्थित जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर चल रहा विवाद अब कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश के Sambhal जिले में स्थित जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर चल रहा विवाद अब कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है। इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई 5 मार्च को संभल की जिला अदालत में होगी। दोनों पक्ष अपने-अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।
Sambhal ; मुस्लिम पक्ष ने पेश किए सबूत
मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जामा मस्जिद कभी भी हरिहर मंदिर नहीं थी। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा, “हमारे पास सभी सबूत मौजूद हैं, जो यह साबित करेंगे कि यह जामा मस्जिद ही है। हम अदालत में इन सबूतों को पेश करेंगे और न्याय की उम्मीद रखते हैं।”
Sambhal विवाद का इतिहास
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब एक हिंदू संगठन ने दावा किया कि वर्तमान में मौजूद जामा मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था। संगठन ने अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद की जगह मंदिर को पुनर्स्थापित करने की मांग की।
मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता गया और अब इसे सुलझाने के लिए अदालत में सुनवाई होनी है।
हिंदू पक्ष का दावा
हिंदू पक्ष का कहना है कि जामा मस्जिद से पहले वहां हरिहर भगवान का प्राचीन मंदिर था। उन्होंने दावा किया कि मुगलकाल में इस मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बना दी गई थी। हिंदू पक्ष का कहना है कि वे इस बात के पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश करेंगे, जिससे यह साबित हो सके कि वहां पहले एक मंदिर था।
Sambhal मुस्लिम पक्ष का तर्क
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह इलाका शुरू से ही मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहा है और यहां कभी भी हरिहर मंदिर नहीं था। उन्होंने कोर्ट में ऐतिहासिक दस्तावेजों और नक्शों के माध्यम से अपने पक्ष को साबित करने की तैयारी की है।
क्या है कानूनी प्रक्रिया?
Sambhal कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 5 मार्च को होगी। दोनों पक्षों को कोर्ट के समक्ष अपने सबूत पेश करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद कोर्ट यह तय करेगा कि मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया कैसी होगी।
यह मामला संवेदनशील है, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए प्रशासन ने भी मामले पर कड़ी निगरानी रखी हुई है।
स्थानीय प्रशासन सतर्क
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है। अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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Sambhal ,जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद से जुड़ा यह मामला एक बार फिर से धार्मिक स्थलों के इतिहास और दावों को लेकर बहस का केंद्र बन गया है। अब सभी की नजरें 5 मार्च को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां अदालत यह तय करेगी कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।
जब तक अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक दोनों पक्षों को धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है।