राज्यसभा से पास हुआ जलियांवाला बिल, कांग्रेस अध्यक्ष हुए आउट
बीते दिन जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल संशोधन बिल 2019 को राज्यसभा में भी पास कर दिया गया । मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा के लिए लाए जाने के बाद इस बिल को बहुमत से पास कर दिया गया । बता दें कि इस संशोधन बिल में जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल के ट्रस्ट में कांग्रेस के अध्यक्ष को स्थायी सदस्य के तौर पर हटाने का प्रावधान है । जिसके चलते बिल पास होने से पहले संसद में काफी विरोध हुआ ।
जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान संसद में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से जलियांवाला बाग ट्रस्ट से न्यासी मंडल से कांग्रेस अध्यक्ष को पदेन स्थायी सदस्य बनाने के प्रावधान को खत्म करने के कानूनी प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया । कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने जलियांवाला बाग से कांग्रेस के भावनात्मक लगाव को इतिहास का सच बताते हुए कहा कि 13 अप्रैल 1919 को हुए इस जघन्य हत्याकांड के बाद कांग्रेस की पहल पर जलियांवाला बाग ट्रस्ट का गठन किया गया था । उन्होंने कहा कि, ‘‘इस स्थल से हमारा भावनात्मक रिश्ता है । सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए इस ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को नहीं हटाना चाहिए ।’
प्रताप सिंह बाजवा ने इससे आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि इस हत्याकांड के खिलाफ देश भर में उपजे आक्रोश के कारण कांग्रेस की अगुआई में आजादी का संग्राम शुरू हुआ था । जलियांवाला बाग की कड़वी यादों को संजोने के लिए बने ट्रस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रस्ट से किसी न्यासी को हटाने का अधिकार सरकार को देने का प्रावधान भी उचित नहीं है । उनके समर्थन में आगे आते हुए समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी सरकार से संशोधन प्रस्ताव वापिस लेने की मांग की । उन्होंने जलियांवाला बाग ट्रस्ट से किसी को हटाने के बजाय इस ऐतिहासिक स्थल को यादगार बनाने, शहीदों के परिजनों को ट्रस्ट में शामिल करने और उन्हें उचित सुविधायें मुहैया कराने पर ध्यान देने का सुझाव दिया ।
- वहीं बीजेपी के ही नेता प्रसन्न आचार्य और तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने भी सरकार से कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्ट से हटाने का संशोधन प्रस्ताव वापस लेने का सुझाव दिया । वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार से संसद भवन और जलियांवाला बाग में शहीद ऊधम सिंह की प्रतिमा लगाने तथा उन्हें भारत रत्न देने की मांग की । हालांकि सभी विपक्ष का मत लेने के बाद संशोधन बिल प्रस्तुत करने वाले पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल समेत कई नेताओं की सहमति से बिल पास कर दिया गया । इनमे बीजेपी के श्वेत मलिक, जदयू के आरसीपी सिंह और अन्नाद्रमुक के एस मुत्थुकुमारुपन जैसे दिग्गज नेता शामिल थे ।