जयपुर : नक़ली सोने को असली बताकर ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफ़ाश
जयपुर। जयपुर ग्रामीण जिले की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) और दूदू थाना पुलिस ने सयुक्त कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को नक़ली सोने को असली बताकर ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफ़ाश करते हुए गैंग के दो शातिर ठगों को गिरफ़्तार किया गया है। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।
जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा ने बताया कि जयपुर ग्रामीण जिले की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) और दूदू थाना पुलिस ने सयुक्त कार्रवाई करते हुए नक़ली सोने को असली बताकर ठगी करने वाली गैंग के बागरा जालोर निवासी मांगीलाल बागरी और गुडामालानी बाड़मेर निवासी उदाराम बागरी को मुखबिर की सूचना पर दूदू पुलिया के नीचे से गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस टीम ने आरोपितों से क़रीब डेढ़ किलो नक़ली सोना बरामद किया है। आरोपित डेढ़ किलो नक़ली सोना भोले- भाले लोगों को अपनी बातों में फंसा कर साढे छह लाख रुपये में बेचने की फिराक में घूम रहे थे। पूछताछ में आरोपितों ने लाखों रुपये की ठगी की वारदात करना कबूला है। इस बारे में पुलिस को काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी। इस पर जयपुर ग्रामीण जिले की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) के प्रभारी अरविंद भारद्वाज, हेमराज मीणा व दूदू थाना पुलिस संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी और मुखबिर की सूचना पर इस गिरोह का खुलासा किया गया। इस गैग से कई वारदाते खुलने की संभावना है। वहीं इस गिरोह द्वारा कई वारदाते की गई है जिनमें नकली सोने के बदले रूपये लिये गये है। पुलिस द्वारा उन वारदातो को चिन्हित कर खुलासा किया जायेगा। आरोपितों की पूरे देश में छोटे-छोटे कई गिरोह सक्रिय है ये गैंग बाडमेर जालौर में बैठकर पूरे हिन्दुस्तान में वारदातों को अंजाम देते है।
पूछताछ में सामने आया कि आरोपित गांव कस्बो में इस जाति विशेष के लोग किराये के कमरे लेते है और जहां रहते है। वहां से दूर जाकर वारदात को अंजाम देते है ये स्वयं ही नकली सोने के भारी- भारी जेवर बनाते है जिनको चैक कराने का चैलेंज भी देते है, चैक करवाने के लिए बडी शातिराना चाल चलते है। पहले से जंजीर मेें से सोने का एक टुकडा जो असली होता है को मुंह में रखते है और शिकार के सामने जंजीर को मुह में देकर मोती तोडने का नाटक करते है और मुंह से निकाल कर सोने का टुकडा शिकार को देते है जिसे चैक कराने पर असली निकलता है जिससे शिकार जाल में फंस जाता है इस जेवरात का खुदाई में मिलना बताकर बातो में फसाते है। आरोपित इस तरह की वारदात मे सफल होने पर बकरे की बलि देकर देवताओ को प्रसन्न करते है। ये लोग गांव कस्बो में फूलमाली बनकर रहते है तथा प्लास्टिक के खिलौने व फूलपत्ती बेचते है और शिकार का चयन करते है।