अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च फेल
तीसरे स्टेज में तकनीकी गड़बड़ी के चलते पूरा नहीं हुआ मिशन; चीन-पाकिस्तान की सीमाओं की निगरानी के लिए था अहम
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-03) की लॉन्चिंग फेल हो गई है। इस सैटेलाइट ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज सुबह 5.43 बजे उड़ान तो भरी लेकिन तय समय से कुछ सैकेंड पहले तीसरे स्टेज (क्रायोजेनिक इंजन) में गड़बड़ी आने से यह ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका। तकनीकी दिक्कतों के चलते मिशन कंट्रोल सेंटर को सिग्नल और डेटा मिलने बंद हो गए थे। इसके बाद इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया कि मिशन पूरा नहीं हो सका।
इस सैटेलाइट को ‘आई इन द स्काय’ यानी आसमान में आंख कहा जा रहा था। इस लॉन्चिंग से इसरो की गतिविधियों को रफ्तार मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही थी, जो कि कोरोना महामारी की वजह से थमी हुई थीं। EOD-03 का लॉन्च भी तकनीकी वजहों और कोरोना के चलते पहले 3 बार टल चुका था। अब इसके फेल होने के बाद इसरो लॉन्च की नई तारीख का ऐलान जल्द करेगा।
क्या है अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट?
इस सैटेलाइट को जियो इमेजिंग सैटेलाइट-1 (GISAT-1) भी कहा जा रहा है। इसके जरिए भारत के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। इस वजह से इस सैटेलाइट को आई इन द स्काय भी कहा जा रहा है।
अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-03) पूरे देश की रोज 4-5 तस्वीरें भेजेगा। इस सैटेलाइट की मदद से जलाशयों, फसलों, तूफान, बाढ़ और फॉरेस्ट कवर में होने वाले बदलावों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी।
यह बड़े इलाके की रियल-टाइम इन्फॉर्मेशन देने में सक्षम है। यह बेहद खास है, क्योंकि अन्य रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स लोअर ऑर्बिट्स में हैं और वे नियमित इंटरवल के बाद एक स्पॉट पर लौटते हैं। इसके मुकाबले EOS-03 रोज चार-पांच बार देश की तस्वीर खींचेगा और विभिन्न एजेंसियों को मौसम और जलवायु परिवर्तन से संबंधित डेटा भेजेगा।