Israeli हवाई हमले ने यमन के हवाई अड्डे को किया निशाना, एयरबस 320 में सवार सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में
Israeli वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों ने कई जीवन खतरे में डाल दिए। यूएन के शीर्ष मानवीय अधिकारी जूलियन हार्नेस ने जानकारी दी कि जब एक एयरबस 320 विमान जिसमें सैकड़ों यात्री सवार थे, लैंडिंग कर रहा था, तभी यह हमले किए गए।
27 दिसंबर 2024 को यमन की राजधानी साना के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर Israeli वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों ने कई जीवन खतरे में डाल दिए। यूएन के शीर्ष मानवीय अधिकारी जूलियन हार्नेस ने जानकारी दी कि जब एक एयरबस 320 विमान जिसमें सैकड़ों यात्री सवार थे, लैंडिंग कर रहा था, तभी यह हमले किए गए। इसके अलावा, हवाई अड्डे पर यूएन प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था जो यमन से रवाना होने के लिए इंतजार कर रहा था। इस हमले ने हवाई अड्डे पर सभी को हड़कंप में डाल दिया।
संयंत्र और यात्रियों की सुरक्षा को खतरा
हार्नेस ने यूएन रिपोर्टरों से बातचीत करते हुए कहा कि हमले का सबसे डरावना पहलू यह था कि यह हमला उस समय हुआ जब एक एयरबस 320 विमान लैंडिंग कर रहा था, और उसमें सवार सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में थी। हमले में कोई भी बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि यमन के हवाई अड्डों पर सुरक्षा की स्थिति कितनी संवेदनशील है। यूएन के उच्च अधिकारी और लगभग 15 अन्य लोग हवाई अड्डे के वीआईपी लाउंज में मौजूद थे, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख भी शामिल थे।
हवाई हमले के प्रभाव पर UN का बयान
जूलियन हार्नेस ने यह भी कहा कि यूएन प्रतिनिधि और उनके साथी जो हवाई अड्डे पर मौजूद थे, वे पूरी तरह से सुरक्षित रहे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि यह घटना एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि यमन में मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए हवाई अड्डे का महत्व बहुत अधिक है। हार्नेस ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे हमले केवल हवाई अड्डे के कर्मचारियों और यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि मानवतावादी कार्यों के लिए भी खतरनाक हैं।
हमलों की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय चिंताएं
इज़राइल – Israeli द्वारा किए गए इन हवाई हमलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है। कई देशों और संगठनों ने इन हमलों की निंदा की है, और यमन में संघर्ष के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन यमन में मानवीय संकट को समाप्त करने और मानवाधिकारों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
हमले का उद्देश्य और संदर्भ
हालांकि Israeli अधिकारियों ने इस हमले के बारे में आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इसे मध्य पूर्व में जारी तनाव और संघर्षों के संदर्भ में देखा जा रहा है। यमन में जारी संघर्ष में इज़राइल की भागीदारी या उसकी नीति पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श हो रहा है।
EAM Jaishankar और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने यूएस-भारत साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की
यह घटना यमन के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि हवाई अड्डों और नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमलों से मानवीय संकट और बढ़ सकते हैं। यूएन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन हमलों की निंदा की है और यमन में शांति और सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है।