ईद उल अजहा के मौके पर इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया ने जारी की ये एडवायजरी
फरंगी महली ने कहा है कि उन्ही जानवरों की कुर्बानी करें, जिन पर क़ानूनी बंदिश नहीं हो. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सड़क किनारे गली और और पब्लिक स्थान पर क़ुर्बानी न करें. साथ ही कहा है कि गोश्त का तीसरा हिस्सा गरीबों में तक़सीम करें. फरंगी महली ने कहा कि लोग क़ुर्बानी की फ़ोटो और वीडियो आदि सोशल मीडिया पर न डालें. नमाज़ के बाद कोविड के ख़ात्मे की दुआ करें.
बता दें बकरीद को ही ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, जो इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है. बकरीद का त्योहार रमजान महीना खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है. इस दिन इस्लाम धर्म के वाले मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद जानवरों की कुर्बानी देते हैं. भारत में इस बार 21 जुलाई को बकरीद मनाई जाएगी. कोरोना को देखते हुए बकरीद की रौनक थोड़ी फीकी रहेगी. इस खतरनाक संक्रमण से बचे रहने के लिए राज्य सरकार ने भी कई तरह की गाइडलाइंस जारी की हैं.