Bangladesh में हिंसा के बीच ISKCON का ढाका केंद्र जलाया गया, मूर्तियाँ नष्ट की गईं
Bangladesh में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच, अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) ने दावा किया है कि ढाका स्थित उनके मंदिर और केंद्र को आग के हवाले कर दिया गया।
Bangladesh में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच, अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) ने दावा किया है कि ढाका स्थित उनके मंदिर और केंद्र को आग के हवाले कर दिया गया। इस हमले में ISKCON के प्रमुख देवताओं की मूर्तियाँ नष्ट हो गईं। घटना ने बांग्लादेश में धार्मिक तनाव को और बढ़ा दिया है, जहां पहले ही हिंसा और असहमति की स्थिति बनी हुई है।
हिंसा के दौरान धार्मिक स्थल की बर्बादी
ISKCON ने अपनी आधिकारिक बयान में कहा कि मंगलवार को ढाका में उनके मंदिर और केंद्र में घुसकर अज्ञात हमलावरों ने न केवल भवन को जलाया, बल्कि मंदिर की पवित्र मूर्तियों को भी नष्ट कर दिया। इस घटना ने वहां के भक्तों और स्थानीय समुदाय को गहरे आघात पहुंचाए हैं। संस्था ने आरोप लगाया कि यह हमला एक संगठित प्रयास था, जिसे धार्मिक नफरत और असहिष्णुता के तहत अंजाम दिया गया।
Bangladesh में बढ़ती अस्थिरता
Bangladesh में हाल के दिनों में राजनीतिक तनाव और सामाजिक अशांति बढ़ी हुई है। सत्ता विरोधी प्रदर्शनों और सरकार विरोधी आंदोलनों के बीच, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामले भी सामने आए हैं। ढाका में ISKCON के मंदिर पर यह हमला इस बात का संकेत है कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा में इजाफा हो सकता है।
ISKCON का कड़ा विरोध
ISKCON ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे धार्मिक नफरत फैलाने की एक कोशिश बताया। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे और हमलावरों को पकड़कर न्याय दिलाए। संस्था ने यह भी कहा कि वे इस हमले के खिलाफ अपने कानूनी अधिकारों का उपयोग करेंगे और इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे।
धार्मिक एकता और सहिष्णुता की आवश्यकता
यह घटना Bangladesh में धार्मिक सहिष्णुता और एकता की अहमियत को रेखांकित करती है। भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध काफी गहरे हैं, और इस तरह के हमले दोनों देशों के बीच सद्भाव को प्रभावित कर सकते हैं। इस समय दोनों देशों के नेताओं से यह अपेक्षाएँ हैं कि वे सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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ढाका में ISKCON केंद्र पर हुए हमले ने Bangladesh में धार्मिक हिंसा के खतरे को उजागर किया है। इस तरह की घटनाओं से न केवल स्थानीय समुदायों में डर का माहौल बनता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करता है। बांग्लादेश सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की हिंसा की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाए और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए।