तो क्या खत्म हुआ भारत चीन सीमा विवाद? जानिए क्यों कहा रहे हैं ऐसा हम
डेढ़ साल में भारत और चीन के अधिकारी 23वीं बार एक साथ बैठे, सरहद पर शांति बनाए रखने पर बनी सहमति
लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के अफसर गुरुवार को एक बार फिर एक टेबल पर थे। डेढ़ साल से चल रहे टेंशन को लेकर दोनों देशों के बॉर्डर अफेयर्स की यह 23वीं मीटिंग थी। हालांकि आज की मीटिंग में भी कुछ खास डेवलपमेंट नहीं हुआ।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि मीटिंग में दोनों पक्षों ने सरहद पर किसी भी अप्रिय घटना से बचने और शांति बनाए रखने पर सहमति जताई। दोनों पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान ढूंढने पर सहमत हुए।
जल्द होगी कमांडर लेबल की बातचीत
दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति पर स्पष्ट और गहन चर्चा की। दोनों देश वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (14वें) दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर भी सहमत हुए। इससे पहले पिछले महीने 10 अक्टूबर को दोनों पक्षों के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। पिछली बैठक के बाद के घटनाक्रम की भी समीक्षा की गई।
दोनों देशों ने सीमा पर बढ़ाई तैनाती
बातचीत के बीच भारत-चीन ने अपने सीमाई इलाकों में सेना और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके साथ ही बॉर्डर इलाकों में दोनों देश तेजी से अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे हैं। जनरल रावत ने पिछले दिनों कहा कि परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में विश्वास की कमी और संदेह आड़े आ रहा है।
13वें राउंड की बातचीत बेनतीजा
पिछले महीने भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें राउंड की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई थी। दोनों पक्षों के बीच सीमा से पीछे हटने के मसले पर सहमति नहीं बन पाई है। इस कारण पिछले साल सीमा की सुरक्षा के लिए भेजे गए हजारों सैनिक अब बेस पर लंबे समय तक वापस नहीं लौटेंगे।
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