क्या Kejriwal के पिता भी संघी हैं ? कांग्रेस का हमला !
Kejriwal केजरीवाल द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लिखे गए पत्र ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। इस पत्र में केजरीवाल ने कई मुद्दों को उठाया
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नए साल के पहले ही दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री Kejriwal केजरीवाल द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लिखे गए पत्र ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। इस पत्र में केजरीवाल ने कई मुद्दों को उठाया, जिसके बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई। खासकर, दिल्ली कांग्रेस ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की।
दिल्ली कांग्रेस की प्रतिक्रिया
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने Kejriwal के पत्र पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि भले ही पत्र में उठाए गए मुद्दों में सच्चाई हो, लेकिन आम आदमी पार्टी को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि आप पार्टी लगातार झूठे वायदे और गारंटी देकर लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है और जनता को सिर्फ धोखा देने का काम कर रही है।
देवेन्द्र यादव ने आगे कहा कि अगर आम आदमी पार्टी को देश और समाज की इतनी ही चिंता है तो उसे सबसे पहले दिल्ली की समस्याओं को हल करना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आप सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के मुद्दे उठाती है, जिससे जनता का ध्यान वास्तविक समस्याओं से भटकाया जा सके।
क्या है Kejriwal के पत्र में?
अरविंद Kejriwal ने अपने पत्र में समाज के विभिन्न मुद्दों पर बात की थी। उन्होंने सामाजिक सौहार्द, आर्थिक असमानता और देश में बढ़ रहे विभाजन को लेकर चिंता जताई थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि आरएसएस जैसी संस्थाएं यदि इन मुद्दों पर काम करें तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
केजरीवाल ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि देश को एकजुट करने की आवश्यकता है और इसमें हर राजनीतिक दल और संगठन की जिम्मेदारी बनती है। हालांकि, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पत्र को राजनीतिक चाल बताते हुए इसकी आलोचना की है।
सियासी नफा-नुकसान का खेल
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केजरीवाल का यह कदम एक सोची-समझी रणनीति के तहत उठाया गया है। नए साल के मौके पर आरएसएस प्रमुख को पत्र लिखकर उन्होंने अपनी छवि एक जिम्मेदार नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। वहीं, कांग्रेस इसे एक राजनीतिक स्टंट मान रही है।
कांग्रेस का कहना है कि आप पार्टी ने हर बार ऐसे मुद्दे उठाए हैं, जो दिखावे के लिए होते हैं। देवेन्द्र यादव ने कहा कि आप ने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।
Kejriwal आम आदमी पार्टी का पलटवार
कांग्रेस की आलोचना पर आम आदमी पार्टी ने भी पलटवार किया। आप नेताओं ने कहा कि कांग्रेस को अपने समय में किए गए कार्यों पर नजर डालनी चाहिए। आप के प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में वर्षों तक शासन किया, लेकिन कुछ भी नहीं बदला।
आप नेताओं का कहना है कि केजरीवाल ने जो पत्र लिखा है, वह देशहित में है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप का उद्देश्य देश को एक बेहतर दिशा में ले जाना है और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
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Kejriwal द्वारा मोहन भागवत को लिखा गया पत्र नए साल की शुरुआत में ही सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है। जहां एक ओर कांग्रेस इसे राजनीतिक स्टंट मान रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे देशहित में उठाया गया कदम बता रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति और गरमा सकती है। अब देखना यह होगा कि केजरीवाल का यह कदम उन्हें राजनीतिक लाभ पहुंचाता है या विपक्षी दलों की आलोचना के चलते उन पर नकारात्मक असर पड़ता है।