बिन बरसात स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र हुआ पानी-पानी
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आप लोगों ने बरसात में बाढ़ जैसे हालात तो सुने और देखें भी होंगे लेकिन सर्दियों के मौसम में बाढ़ जैसे हालात कम ही देखने और सुनने को मिलते हैं लेकिन सरकारी विभागों की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते आज भी ऐसे हालात पैदा होते हैं । एक तरफ जहां कुछ समस्याएं दैवीय प्रकोप और वातावरण से उत्पन्न होती है वहीं पर दूसरी तरफ सरकारी विभागों की लापरवाही के चलते इस तरह की समस्या का जन्म हो रहा है जिसको लेकर ग्रामीण हैरान और परेशान हैं ।आज हम आपको इस मौसम में भी बाढ़ का दृश्य दिखाने जा रहे हैं यह दृश्य वीवीआईपी जिले अमेठी का है।
बांध टूटने से घर-स्कूल में घुसा पानी
जी हां हम बात कर रहे हैं अमेठी जिले की जहां के मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र अंतर्गत बाजार शुकुल ब्लॉक क्षेत्र के पांडेगंज ग्राम सभा में नहर विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां पर आज सुबह करीब 7 बजे सुबेहा रजबहा से होकर निकलने वाली नहर का बांध टूटने से थोड़ी ही देर में खेत घर स्कूल सड़क सभी जगह पानी ही पानी दिखाई पड़ने लगा। इसके चलते किसानों की सैकड़ों बीघे गेहूं की फसल जलमग्न हो गई. सबसे बड़ी बात यह है कि सूचना के बाद भी लंबे समय तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
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गांव में तमाम लोगों के घरों में पानी घुस गया और घरों में रखा है उनका रोजमर्रा का सामान खाद्यान्न कपड़े इत्यादि सभी गए जिसको लेकर गांव वालों ने खासी नाराजगी जताई है। लंबे समय के अंतराल के बाद सींचपाल और नहर विभाग के अध्यक्ष आदमियों के साथ पहुंचे और पानी बंद करवा कर नहर को बनने में जुट गए । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी इलाके के लोगों का जबरदस्त नुकसान हो चुका था। ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है यह तीसरा अवसर है अर्थात इसके पहले भी दो बार हो चुका है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह की कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की जिससे ग्रामीणों को बार-बार इस तरह की समस्या न झेलनी पड़े और उनको स्थाई समाधान मिल सके।
स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र हुआ पानी-पानी
विद्यालय संचालक चंद्र प्रकाश शुक्ला ने बताया कि यह जलभराव की समस्या लगातार बनी रहती है इस पर विभाग के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है ऐसा पहले भी दो बार हो चुका है ग्रामीण शोभावती ने बताया कि घर में कुल पानी भर गया है घर में रखा राशन पानी सब खराब हो गया है छोटे-छोटे बच्चे लेकर इस ठंडी के मौसम में हम कहां जाएं सरकार इसके कुछ कर नहीं रही है और अभी तक विभाग का कोई भी व्यक्ति अथवा सरकारी कर्मचारी हमारे पास पहुंचे तक नहीं आया है वहीं पर मौके पर पहुंचे सींच पर्यवेक्षक मोती लाल ने बताया कि सुबह 7 बजे हमको हेड क्वार्टर से सूचना मिली हम लोग तत्काल वहां से आए और नहर को बंद कराया गया 22 किलोमीटर लंबी नहर का पानी बंद होते होते भी टाइम लगा ऐसे में काफी जलभराव हो गया। सुबेहा के रजबहा अध्यक्ष शेषनाथ तिवारी ने बताया कि सुबह 7 बजे इसकी सूचना मिली तब मैं यहां देखने आया उसके बाद आदमियों को इकट्ठा किया और करीब 200 बोरी इकट्ठा करके बंधवाना शुरू किया सुबह से मैं खड़ा हूं मेरे साथ सींचपाल और मेठ मौजूद हैं। सड़क उनकी होने के चलते दस पांच बीघे फसल का नुकसान हुआ है। यदि सड़क नीचे होती तो पानी निकल गया होता नुकसान तो हो ही गया है खेतों में क्योंकि धान नहीं है यह गेहूं है पानी लगने पर नुकसान हो जाता है।