कावड़ियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा भारी , हटाए गए बरेली एसपी
उत्तर प्रदेश: बरेली जनपद में बिना अनुमति नए रास्ते से कांवड़ का जत्था डीजे के साथ निकालने की जिद पर अड़े कांवड़ियों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर हंगामा कर रहे लोगों को खदेड़ दिया और रास्ता साफ कर हालात को काबू में कर लिया।
यह मामला बरेली के बारादरी थाना इलाके के नवादा का है। जहां कुछ कांवड़िये मुस्लिम इलाके से कांवड़ का जत्था निकालना चाहते थे, जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को आपत्ति थी कि नई परंपरा नहीं डालें।इस पर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आए तो पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया।इस दौरान विवाद बढ़ता देख बरेली एसएसपी प्रभाकर चौधरी और एडीएम सिटी डॉ. आरडी पांडे सहित एसपी सिटी राहुल भाटी 5 थानों की पुलिस, पीएसी और आरएएफ मौके पर पहुंची। इसके बाद भी दोनों समुदायों को समझाने को काफी प्रयास हुआ, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े हुए थे।
लेकिन देर रात जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के पूरे महकमे में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए उन्हीं ट्रांसफर की लिस्ट में बरेली के आईपीएस प्रभाकर चौधरी भी है। अब ये सरकार का ईनाम है या फिर सरकार की ट्रांसफर व्यवस्था। ये सच है की आईपीएस प्रभाकर चौधरी का काम करने का अंदाज बेहद अनूठा है । कर्तव्य को प्राथमिकता और ड्यूटी में अनुशासन में प्रभाकर चौधरी विश्वास रखते है । कानून को सख्ती से पालन करना और और करवाना सर्विस की पहली जरूरत मानते बैं । मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी अपने काम के खास अंजाद को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, प्रभाकर चौधरी को 15 जून 2021 को मेरठ का एसएसपी बनाया गया। ज्वाइनिंग से पहले इन्होंने 15 से 17 जून तक छुट्टी पर रहे। इस दौरान उन्होंने सिंघम स्टाइल में गुपचुप तरीके से शहर घूमा और स्थिति का जायजा लिया।
बचपन में प्रभाकर चौधरी केमेस्ट्री के लेक्चरर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें आईपीएस बना दिया। प्रभाकर चौधरी को बचपन से की पढ़ने में रुचि थी। इनका जन्म 1 जनवरी 1984 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में हुआ । इनके पिताजी का नाम पारस नाथ चौधरी है । वह रोज पांच से छह घंटे पढ़ा करते थे। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में 76 प्रतिशत अंक ही प्राप्त किए तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी 61 प्रतिशत अंकों से क्लीयर किया और बाद में एलएलबी की पढ़ाई की। पहली ही बार में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर आईपीएस बन गए। 2010 बैच में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए ।प्रभाकर चौधरी बलिया, बुलंदशहर, कानपुर में एसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं। उन्हें वाराणसी के एसएसपी की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। इससे पहले वह मुरादाबाद के एसएसपी थे। मेरठ में एसएसपी बने उसके बाद प्राइवेट इनोवा गाड़ी में सिविल ड्रेस में शहर में निकलने की जब कुछ पुलिसकर्मियों को भनक लगी तो वे सतर्क हो गए। इसे लेकर हड़कंप मचा रहा। प्रभाकर चौधरी उस समय भी काफी चर्चा में आए थे।
जब वह पीठ पर स्टूडेंट की तरह बैग टांग कर और रोडवेज बस में सवार होकर कानपुर एसपी का चार्ज संभालने पहुंचे थे।आईपीएस प्रभाकर चौधरी ने मेरठ एसएसपी के रूप में आने के बाद वाहन माफियाओं की लिस्ट तैयार की और वाहन चोरों के कुख्यात सरगना नईम उर्फ हाजी गल्ला की करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई है। कई अन्य अपराधियों की कुर्की भी की जा चुकी है।
इसके अलावा करीब 50 से ज्यादा वाहन चोरों को जेल भेजा जा चुका है। अब मेरठ पुलिस ने इन अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोडा ।