IPS अभयानंद के आदेश को विधायक ने ठहरा दिया था गलत, फिर SP साहब ने IAS अफसर को MLA के साथ लगा दिया और….
बिहार के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रहे अभयानंद ने खुद का एक वाकया बताया है। पूर्व डीजीपी ने बताया है कि राजनीतिज्ञ लोगों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी यह कि अधिकारी न्याय के प्रति सजग रहें।पूर्व डीजीपी अभयानंद ने जिले में एसपी रहने के दौरान लिए गए निर्णय का उल्लेख किया है।
अभयानंद ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि जनप्रतिनिधि अगर सजग रहें तो न्याय दिलाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.तब एक जिले के एसपी थे अभयानंदअभयानंद ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि मैं बिहार के एक ज़िले में पुलिस अधीक्षक था। एक गाँव में भीषण डाका पड़ा जिसमें एक ग्रामीण की हत्या भी हुई। उन दिनों, पुलिस के दृष्टिकोण से यह सबसे गंभीर घटना हुआ करती थी। सूचना मिलते ही निकल पड़ा। ग्रामीण स्वाभाविक रूप से उत्तेजित थे। उनका गुस्सा गाँव के ही एक व्यक्ति के विरुद्ध था जिसने डकैतों को बुला कर यह कराया था। स्थानीय भाषा में इसे लाइनर कहते थे। केस के सम्बन्ध में तत्परता से तहक़ीकात मेरे द्वारा प्रारंभ करने पर, ग्रामीणों का गुस्सा कम हो गया था अन्यथा यह गुस्सा पुलिस पर भी बरस सकता था।मैंने तुरन्त उस ग्रामीण के गिरफ़्तारी का आदेश लिखित रूप में पारित जांच के दौरान ही कर दिया क्योंकि पूरा गाँव इस बिंदु पर एक मत था।
विधायक ने एसपी के आदेश को ठहराया गलत
अभयानंद आगे लिखते हैं कि घटना के अगले दिन, स्थानीय विधायक मिलने आए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मैंने ग़लत आदेश पारित किया है। थोड़ा खीज कर मैंने पूछा कि ग्रामीणों ने, जिन्होंने घटना को प्रत्यक्ष देखा है, की बात मानूँ अथवा आपकी जो पैरवी कर रहे हैं? वे मुझसे अधिक शान्त दिखे। एक सुझाव आया – मुझे अपना प्रतिनिधि देना था, जिसे कोई नहीं जानता था और जो विधायक जी के साथ उनका संबंधी बन कर उसी गाँव में जाएगा। विधायक जी के साथ जो ग्रामीणों की वार्ता होगी, वह लौटकर मुझे बताएगा। विधायक जी का यह सुझाव मुझे नेक लगा।