ननों को ट्रेन से उतारे जाने के मामले में जांच जारी,कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण के संदेह में दो ननों और दो नाबालिग लड़कियों को ट्रेन से उताकर पूछताछ के मामले में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। इस बीच मामले में एसपी रेलवे लखनऊ की जांच जारी है।
ईसाई समाज की साध्वियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले में आज कांग्रेसी स्टेशन पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की । इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं रेलवे के आला अधिकारियों से कि किसके इशारे पर ईसाई समाज की उन साध्वियों को ट्रेन से उतरा गया। पूछताछ के नाम पर ननों के साथ दो नाबालिग लड़कियों का इस तरह से शोषण किया गया कि वे सदमे से उबर नहीं पा रहीं। हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह कौन सा इशारा था जिस पर आज भी जांच पूरी नहीं हो रही। घटना को हुए 72 घंटे हो रहे हैं जिस मामले में गृहमंत्री तक ने ट्वीट कर दिया, हमारे नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इसका संज्ञान लिया। सभी राजनीतिक दलों के शीर्षस्थ नेताओं इस मामले को उठाया।
इस लोकतांत्रिक देश में आखिर ऐसा क्या कारण है कि साध्वियों और बालिकाओं को जिनके पास ट्रेन का वैध टिकट था, रास्ते में ट्रेन से उतारा गया और थाने में ले जाकर आतंकवादियों की तरह पूछताछ की जाती है। आखिर किसने इस तरह पूछताछ का हक दिया है। वैध टिकट के साथ यात्रा कर रहे किसी व्यक्ति को इस तरह बीच रास्ते में ट्रेन से उतारना उसके मौलिक अधिकारों का हनन है, निजता का उल्लंघन है जिस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए । जिन अधिकारियों के सानिध्य में और जिन लोगों के इशारे पर यह काम किया गया उन लोगों के नाम भी सामने आने चाहिए और कांग्रेस इस पर श्वेत पत्र लाये जाने की मांग करती है।
हम लोकतांत्रिक तरीके से इस लड़ाई को लड़ेंगे और अधिकारियों से पूछेंगे कि पूरे देश में मामले के सुर्खियों में आने के बावजूद किसके इशारे पर अधिकारी और पुलिस खामोश है। इस घटना के कारण झांसी पर जो कलंक लगा उसे कैसे साफ करेंगे।
दूसरी ओर रेलवे महानिरीक्षक (आईजी) लखनऊ के आदेश पर मामले की जांच के लिए यहां पहुंचे पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेलवे लखनऊ सौमित्र यादव की जांच जारी है। श्री यादव ने कहा कि आईजी रेलवे के आदेश में मैं यहां जांच के लिए आया हूं और जांच की चल रही है । जांच पूरी होने के बाद ही उचित कार्रवाई की जायेगी।
गौरतलब है कि 19 मार्च की रात उत्कल एक्सप्रेस से दिल्ली से उड़ीसा के राउरकेला जा रही दो नन और दो नाबालिग लड़कियों को झांसी रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया था। एक हिंदूवादी संगठन ने रेलवे पुलिस को सूचना दी थी कि दो युवतियों को धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया जा रहा है। जानकारी मिलने के बाद रेलवे पुलिस और संबंधित अधिकारियों ने चारों महिलाओं को ट्रेन से उतार लिया और लगभग तीन से चार घंटे की पूछताछ और कागजातों की चेकिंग के बाद धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात सामने नहीं आने पर उन्हें छोड़ दिया गया। आरोप है कि जब चारों महिलाओं की जांच या ट्रेन से उतराने के समय कोई महिला पुलिसकर्मी मौके पर नहीं थी । महिलाओं ने इस पूरे मामले की जानकारी केरल पहुंचने पर राज्य सरकार और कैथोलिक बिशप काउंसिल को दी।
इस मामले को संज्ञान में लेकर केरल के मुख्यमंत्री के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखे पत्र और बिशप काउंसिल द्वारा पीएमओ को लिखे पत्र तथा गृहमंत्री द्वारा बंगाल की चुनावी रैली में मामला उठाये जाने के बाद आईजी रेलवे लखनऊ ने आनन फानन में एसपी रेलवे को यहां जांच के लिए भेजा था।

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