चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भेजा इंटरवेंशन एप्लीकेशन, की ये मांग
लखनऊ. यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना के मामले में प्रयागराज (Prayagraj) के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी (Advocate Gaurav Dwivedi) ने स्वदेश एनजीओ व प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक की ओर से देश के चीफ जस्टिस (CJI) को एक इंटरवेंशन एप्लीकेशन (Intervention Application) भेज कर पूरी की घटना की जांच सीबीआई से कराने और दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है. इतना ही नहीं पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शुरू करने की मांग की गई. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा का स्वतः संज्ञान लिया है और गुरुवार को इस मामले की सुनवाई भी होगी।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने इंटरवेंशन अप्लीकेशन में यूपी सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम, डीजीपी, कमिश्नर लखीमपुर, डीएम व एसएसपी और एसएचओ तिकोनिया बनवीरपुर को पक्षकार बनाया है. बता दें अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने 4 अक्टूबर को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पत्र याचिका दाखिल कर चुके हैं.
यूपी में मचा है सियासी घमासान
उधर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हीमा कोहली की बेंच लखीमपुर खीरी मामले पर आज सुनवाई करेगी. दरअसल, पिछले रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों समेत कुल आठ लोग मारे गए थे. लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद से उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है और विपक्षी दलों ने राज्य की बीजेपी सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है.
कुल आठ लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे. आरोप है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी ने किसानों को रौंद डाला. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गई. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने दो बीजेपी कार्यकर्ता, अजय मिश्रा के ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला. इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.