सपा में शुरू हुई, इंटेलिजेंस सर्विस
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार पर समीक्षा शुरू हो गई है। जिले में एसपी की प्रत्याशियों का जहां का पर्चा दाखिल न होने के पीछे के कारण तलाशने के लिए पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कमिटी का गठन कर दिया है। वहीं जांच कमेटी का यह काम भी तय किया गया है कि यह जांच कमिटी पार्टी से गद्दारी करने वालों की पहचान करके रिपोर्ट पार्टी मुखिया को देगी। कमिटी सांसद और विधायकों की भूमिका की भी जांच करेगी। जांच के दौरान सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे।
रिपोर्ट मिलने के बाद एसपी मुखिया इस मामले में बड़ी कार्रवाई करने के मूड में हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने जांच कमिटी को भेजने से पहले पार्टी के जिम्मेदार लोगों से पूरे प्रकरण पर अलग-अलग रिपोर्ट मांगी थीं । 7 जुलाई तक जिला अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और अन्य प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेताओं ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को भेज दी है। इसके बाद ही वे इस मामले में आगे का फैसला लेकर अपने स्तर से बनाई गई जांच कमिटी को अलग-अलग जनपदों में भेजेंगे, जिससे यह साफ है अखिलेश यादव इस बार बिल्कुल भी पार्टी के संगठन को लेकर कोताही के मूड में नहीं है ठीक उसी तरीके से अखिलेश यादव संगठन को आगे बढ़ा रहे हैं जैसे मुलायम सिंह यादव और छोटे लोहिया यानी जनेश्वर मिश्र से अखिलेश ने राजनीति ज्ञान प्राप्त किया है।