पीलीभीत : जिला कारागार में बंद कैदियों ने बनाये भगवान कृष्ण को रंगबिरंगे वस्त्र और पालकी
- कैदियों द्वारा बनाये गए बस्त्रो को मार्केट में उतारा,
- जेल अधीक्षक की माने तो कारागार में ही भगवान श्रीकृष्ण ने लिया था जन्म तो जेल में ही बनेगे वस्त्र,
पीलीभीत, जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने अपने कौशल का इस्तेमाल करते हुए कान्हा के लिए पालकी, रंग-बिरंगे वस्त्र एवं आभूषण तैयार किए हैं। इनकी खेप बाजार में पहुंच चुकी है। जिन्हें ग्राहक खूब पसंद भी कर रहे हैं। चाइनीज माल इस त्योहार पर भी दुकानों से पूरी तरह गायब है।
जिला कारागार के बंदियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए वोकल फॉर लोकल के संदेश को आत्मसात करते हुए नवाचार में हाथ आजमाए हैं। शहर के बाजार में कई दुकानों पर बंदियों द्वारा तैयार किए गए वस्त्र एवं आभूषण तथा पालकी उपलब्ध कराए गए हैं। इस पर्व पर भी चाइनीज आयटम पहले बिकते रहे हैं लेकिन इस बार बाजार से चीन का माल गायब है। बाजार में प्रमुख दुकानों पर मथुरा-वृंदावन से मंगाई गईं लड्डू गोपाल की विभिन्न तरह की पोशाक, बांसुरी, मुकुट, माला, कुंडल, झूले आदि मंगाए गए हैं। इनकी भी बिक्री हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पोशाक पांच रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक की रेंज में ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा रही है। दुकानदारों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को सजाने के लिए लोग मोर पंख भी खरीद रहे हैं। इसकी खासी डिमांड बनी हुई है। लड्डू गोपाल की पीतल की छोटी-बड़ी मूर्तियां भी ग्राहकों को लुभा रही हैं। कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के कारण इस बार अभी तक बिक्री पिछले साल की बराबरी पर नहीं पहुंच पाई है।
जिला कारागार के अधीक्षक अनूप मानव शास्त्री का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भी कोरोना महामारी से अछूता नहीं है लेकिन बंदियों ने जिस तरह से पहले मास्क फिर राखियां बनाकर अपना कौशल दिखाया। उसी तरह से जन्माष्टमी के लिए कान्हा को सजाने के लिए वस्त्र, आभूषण और पालकी तैयार करके लोकल में वोकल का संदेश दिया है। इस तरह के नवाचारों से बंदियों में काफी उत्साह है।