महंगाई की मार:लगातार तीसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, दिल्ली में पेट्रोल 102.14 रुपए प्रति लीटर पर पहुंचा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ गए हैं। भारतीय तेल कंपनियों ने आज लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। घरेलू बाजार में सरकारी तेल कंपनियों ने आज डीजल के दाम में 30 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की है तो वहीं, पेट्रोल 25 पैसे प्रति लीटर तक महंगा हुआ है।
दिल्ली में पेट्रोल 102.14 रुपए प्रति लीटर
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के अनुसार ईंधन के दामों में ताजा वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 102.14 रुपए प्रति लीटर हो गया है, जो शुक्रवार को 101.89 रुपए लीटर था। इसी प्रकार, डीजल 90.47 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
मध्यप्रदेश के सिवनी में सबसे महंगा पेट्रोल
मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, बिहार, बंगाल, जम्मू कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब वो राज्य हैं, जहां ज्यादातर जगहों पर पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार है। वहीं, कई शहरों में पेट्रोल 110 रुपए लीटर के पार पहुंच गया है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल सबसे महंगा मध्यप्रदेश के सिवनी में 113.28 रुपए प्रति लीटर और राजस्थान के श्रीगंगानगर में 113.01 रुपए प्रति लीटर है।
देश के चारों महानगरों की अगर तुलना करें तो मुंबई में पेट्रोल-डीजल सबसे ज्यादा महंगा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाजार में आज इंडियन ऑयल (IOCL) के पंप पर पेट्रोल 102.14 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल 90.47 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
CNG-PNG पर भी महंगाई की मार
नेचुरल गैस की कीमत में 62 प्रतिशत की वृद्धि के बाद दिल्ली में CNG 2.28 रुपए प्रति किलो और घरों में पाइप के जरिए पहुंचने वाली वाली रसोई गैस 2.10 रुपए मंहगी हो गई। दिल्ली में CNG 2.28 रुपए प्रति किलो और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में CNG 2.55 रुपए किलो महंगी हो गई है।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में इकोनॉमिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई थी। इस वजह से कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई थी। लेकिन इस साल वैक्सीनेशन की दर बढ़ने और कोरोना गाइडलाइंस में छूट मिलने के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग बढ़ी है।
हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त का एकमात्र कारण इकोनॉमिक रिकवरी ही नहीं है। पिछले महीने इडा तूफान की वजह से अमेरिका में तेल की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई। कोरोना की पहली लहर के बाद कीमतों में गिरावट आई थी। इसके बाद ओपेक प्लस, रूस और सऊदी अरब के तेल संगठनों ने सप्लाई में कमी कर दी थी।