आबादी के शहरों में इंदौर ने प्रथम स्थान और भोपाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया
म्युनिस्पिल परफॉर्मेंस इंडेक्स में 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में इंदौर ने प्रथम स्थान और भोपाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत सरकार के शहरी विकास और आवासन मंत्रालय द्वारा स्मार्ट सिटी योजना में देश के 111 शहरों के ईज ऑफ लिविंग और म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स का अध्ययन करने के बाद नगरीयनिकायों की रैंकिंग गुरूवार को नई दिल्ली में जारी की गई है। म्युनिस्पिल परफॉर्मेंस इंडेक्स में 10 लाख से अधिक आबादी के शहरों में इंदौर ने प्रथम स्थान और भोपाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में इंदौर को देश में 9वाँ स्थान मिला है।
भारत सरकार के शहरी विकास और आवासन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रैंकिंग जारी करने के कार्यक्रम में इंदौर की सफलता पर बधाई देते हुए कहा है कि यह उपलब्धि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सोच और उनकी कर्मठ कार्य-शैली की वजह से हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इंदौर की स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार प्रथम रैंकिंग भी इसी का परिणाम है। पुरी ने कहा कि शहर के विकास में राज्य के मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, महापौर और नगर निगम आयुक्त की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और मध्यप्रदेश इसका अच्छा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इंदौर और भोपाल शहरों के नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के जीवन-स्तर को बेहतर करने के साथ ही उन्हें उचित विकासोन्मुखी वातावरण उपलब्ध कराना है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी इस उपलब्धि के लिये बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ देने के लिये हरसंभव प्रयास करना होगा। इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी ने इस उपलब्धि को नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम बताया।
शहरी विकास एवं आवासन मंत्रालय के संयुक्त सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इंदौर शहर की सराहना की और कहा कि अन्य शहरों को इससे सीखना चाहिए। उन्होंने एक गंदे नाले को क्रिकेट का खेल मैदान और शादी की सालगिरह मनाने का स्थान बनाने के लिये नगर निगम प्रशासन की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा शहरों में जीवन-यापन की सुविधा और निकायों के प्रदर्शन सूचकांकों को बेहतर किये जाने के उद्देश्य से एक सर्वे करवाया गया था। इसमें 111 शहरों के करीब 32 लाख नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की। इस सर्वे के माध्यम से जीवन-स्तर, आर्थिक सामर्थ्य और संवहनीयता के बिंदुओं पर फीडबेक प्राप्त किया गया। निकायों के प्रदर्शन को परखने के लिये उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता, वित्तीय स्थिति, योजना निर्माण, तकनीकी का प्रयोग और प्रशासन की गुणवत्ता को शामिल किया गया है।