इंदौर: कंप्यूटर बाबा के अवैध आश्रम पर चला प्रशासन का बुलडोजर, बाबा समेत 7 गिरफ्तार
इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए आश्रम को जिला प्रशासन और नगर निगम के अमले में रविवार को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया। यह आश्रम पूर्व में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त कम्प्यूटर बाबा के नाम से प्रसिद्ध नामदेव दास त्यागी का था। प्रशासन की कार्यवाही के दौरान बाबा और उनके समर्थकों ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस ने कम्प्यूटर बाबा समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक, कम्प्यूटर बाबा ने हातोद तहसील क्षेत्र के ग्राम जमूड़ी हपसी के पास गोम्टीगिरी में दो एकड़ शासकीय भूमि पर अनाधिकृत रूप से कब्जा कर आश्रम बनाया था। जिस पर प्रशासन ने दो महीने पहले नोटिस भेज था। जिला प्रशासन और नगर निगम के अमले ने रविवार को भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर जेसीबी और पोकलेन मशीनों के जरिए कम्प्यूटर बाबा द्वारा किया गया अतिक्रमण हटा दिया। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में एडीएम अजय देव शर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई। मौके पर मौजूद हातोद एसडीएम शाश्वत शर्मा ने बताया कि इस संबंध में राजस्व प्रशासन द्वारा कम्प्यूटर बाबा के विरुद्ध दो हजार रुपये का अर्थदंड आरोपित करते हुए शासकीय भूमि के अनाधिकृत कब्जा हटाने का का आदेश पारित किया था, लेकिन उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया, इसीलिए प्रशासन को यह कार्रवाई करनी पड़ी।
अतिक्रमण हटाने के दौरान कप्यूटर बाबा और उनके समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कम्प्यूटर बाबा और उनके छह समर्थकों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और सभी सातों लोगों को फिलहाल पुलिस हिरासत में रखा गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा ने पिछले कार्यकाल में कप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में कम्प्यूटर बाबा ने कांग्रेस का समर्थन किया और चुनावी सभाएँ भी की। इसके बाद कमलनाथ सरकार द्वारा उन्हें नदी न्याय का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन कमनलाथ सरकार गिर गई। इसके बाद भी उपचुनावों में भी कम्प्यूटर बाबा ने कांग्रेस के समर्थन में अभियान चलाया।