दूसरे परीक्षण में भी खरी उतरी स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
नई दिल्ली। स्वदेशी रूप से विकसित लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का गुरुवार को दूसरा परीक्षण किया गया जिसने लंबी दूरी पर स्थित अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इसी तरह का परीक्षण 22 सितम्बर को एमबीटी अर्जुन टैंक से केके रेंज अहमदनगर में किया गया था। उस समय भी एटीजीएम ने तीन किलोमीटर तक लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है। इसमें हाई एक्सप्लोसिव एंटी टैंक (एचईएटी) वॉर हेड का इस्तेमाल किया गया है। यह बख्तरबंद टैंकों को भी तबाह कर सकती है। डीआरडीओ के मुताबिक कई-प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ इसे विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन में लगी बंदूक से फायर करके इसका तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है। पहला परीक्षण अहमदनगर (महाराष्ट्र) में बख्तरबंद कोर सेंटर और स्कूल में 23 सितम्बर को किया जा चुका है। एमबीटी अर्जुन टैंक से दागी गई मिसाइलों ने तीन किलोमीटर तक लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। मिसाइल की विभिन्न विशेषताओं के बारे में डीआरडीओ ने कहा कि एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का विस्फोटक रियर आर्मर संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए एक गर्म वॉरहेड नियुक्त करता है।
डीआरडीओ के मुताबिक इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला ने देहरादून की संस्था इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट और आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट पुणे के सहयोग से विकसित किया गया है। एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने डीआरडीओ को बधाई देते हुए ट्विट किया “अहमदनगर में केके रेंज (एसीसी एंड एस) में एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण फायरिंग के लिए डीआरडीओ को बधाई। भारत को डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।” डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षण पर कर्मचारियों को बधाई दी।