लवली विश्वविद्यालय का अद्भुद कार्य , आयोजित किया भारत का पहला डिजिफेस्ट।
लवली विश्वविद्यालय का अद्भुद कार्य , आयोजित किया भारत का पहला डिजिफेस्ट।
एक शानदार विश्वविद्यालय में एक दिन
भारत का पहला डिजिफेस्ट 2022
पंजाब का लवली विश्वविद्यालय एक अदभुत संस्थान है । अड़तीस हज़ार देसी परदेसी छात्रों का भविष्य संवारने वाले इस संस्थान में हाल ही में मेरा जाना हुआ ।इस यात्रा में पुराने मित्र और लंबे समय तक आजतक चैनल में साथी रहे सत्य हिंदी.कॉम के संस्थापक संपादक आशुतोष भी रहे । बरसों बाद ऐसी यात्रा में हम दोनों ने अतीत के दिनों को याद किया और मौजूदा दौर की पत्रकारिता पर लंबी चर्चा की ।
हम दोनों को निमंत्रण दिया था विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर मुकेश कुमार ने । मैं और मुकेश जी पिछले तीस पैंतीस बरसों में अख़बार और टीवी की दुनिया में अनेक मंचों पर साथ काम करते रहे हैं ।इन दिनों वे मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों के साथ काम कर रहे हैं । भारत का पहला डिजिफेस्ट आयोजित करने का श्रेय उन्हें जाता है । इस जलसे में मीडिया के डिजिटल और सोशल अवतारों की स्थिति, आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इनकी चुनौतियों और कामयाबियों पर विस्तार से मंथन हुआ । अलग अलग सत्रों में शायद ही कोई पहलू अछूता रहा होगा । इस क्षेत्र में झंडे गाड़ रहे नौजवान दोस्तों को भी इसमें भरपूर अवसर दिया गया था ।उन्होंने छात्रों के बीच भरपूर लोकप्रियता बटोरी ।
आशुतोष ने इस प्लेटफार्म का सदुपयोग पूरी ईमानदारी और सच्चाई से करने पर ज़ोर दिया । उन्होंने पेशेवर मूल्यों को हर हाल में बचाए रखने का समर्थन किया । मैने भी समय के साथ बदल रहे पत्रकारिता के चेहरे की चुनौतियों का ज़िक्र किया और सरोकारों को नही भूलने की बात कही ।महात्मा गांधी की पत्रकारिता का सच के साथ संवाद का मंत्र आज भी प्रासंगिक है । यह बात मैने रखी । डॉक्टर प्रोफेसर मुकेश कुमार ने इस डिज़ि फेस्ट के आयोजन के महत्व की जानकारी दी ।
विश्वविद्यालय के प्रो वीसी डॉक्टर सुशील मोदी से मिलना और उनके साथ वैचारिक आदान प्रदान एक सुखद अनुभव रहा । प्रसंग के तौर पर बता दूं कि यह विशाल विश्व विद्यालय परिसर अपने आप में एक शहर है ।परिसर में शानदार पांच सितारा यूनिहोटल ,शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, करीब पच्चीस हज़ार छात्रों के लिए हॉस्टल और सैंतीस अड़तीस विराट भवन हैं । कई देशों के छात्र यहां नियमित अध्ययन के लिए आते हैं । यहां आने के बाद वे हिंदी और पंजाबी सीखने में अपनी शान समझते हैं ।