Indian Share Market Crash : सेंसेक्स 1000 अंक से अधिक गिरा, निफ्टी 50 में 1.4% की गिरावट; 5 प्रमुख कारण

Indian शेयर बाजार में मंगलवार, 17 दिसंबर को जोरदार बिकवाली देखने को मिली, जिसके कारण प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट आई।

Indian शेयर बाजार में मंगलवार, 17 दिसंबर को जोरदार बिकवाली देखने को मिली, जिसके कारण प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स ने 1,109 अंक या 1.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,639.61 के निचले स्तर को छुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 344.65 अंक यानी 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, और 24,323.6 के निचले स्तर तक पहुंच गया। यह गिरावट शेयर बाजार में निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन गई है, खासकर जब यह लगातार दूसरे दिन गिरावट का शिकार हुआ है।

Indian विकसित होने वाली स्थिति: प्रमुख शेयरों में दबाव

Indian सेंसेक्स और निफ्टी 50 में गिरावट का प्रमुख कारण प्रमुख शेयरों में भारी बिकवाली रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और एचडीएफसी बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी दबाव पड़ा, जिनकी गिरावट ने बाजार को नीचे खींच लिया। ये कंपनियां बेंचमार्क सूचकांकों में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, और इनके कमजोर प्रदर्शन ने पूरे बाजार को प्रभावित किया।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का प्रभाव

निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 18 दिसंबर को होने वाली बैठक से पहले सतर्क हो गए हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के परिणामों के बारे में अनिश्चितता ने निवेशकों को जोखिम लेने से बचने के लिए मजबूर किया, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ा। खासकर जब फेड द्वारा ब्याज दरों में संभावित वृद्धि की अटकलें तेज हो गई हैं, तो यह वैश्विक बाजारों पर भी असर डाल सकता है।

वैश्विक आर्थिक तनाव और मंदी की आशंकाएं

वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाएं भी भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव डाल रही हैं। प्रमुख विकसित देशों में आर्थिक संकट, व्यापार युद्ध, और मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा की है। इस स्थिति में, निवेशकों ने सुरक्षित निवेश विकल्पों को प्राथमिकता दी, जिससे शेयर बाजार में दबाव बढ़ा।

मांग में कमी और घरेलू आर्थिक स्थिति

Indian में भी घरेलू आर्थिक स्थिति की चिंता बनी हुई है। उपभोक्ता मांग में कमी और उत्पादन क्षेत्र की धीमी वृद्धि से निवेशकों के मन में आशंकाएं बनी हुई हैं। यह अर्थव्यवस्था की विकास दर को प्रभावित कर सकता है, और इसके परिणामस्वरूप शेयर बाजार में अधिक गिरावट आ सकती है। इस स्थिति के कारण निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो में जोखिम को कम करने का निर्णय लिया है।

ब्रॉडर मार्केट्स की बेहतर प्रदर्शन

हालांकि, व्यापक बाजारों में सेंसेक्स और निफ्टी 50 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप दोनों ने सिर्फ 0.6 प्रतिशत की गिरावट दिखाई, जो बेंचमार्क सूचकांकों के मुकाबले कम था। इस प्रदर्शन ने संकेत दिया कि छोटे और मंझोले शेयरों में निवेशकों का विश्वास कुछ हद तक बना हुआ है।

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Indian शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह एक अस्थायी स्थिति हो सकती है और निवेशकों को अधिक सतर्कता से काम करना होगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और वैश्विक आर्थिक संकेतकों के आधार पर आगामी दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव हो सकता है।

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