बदल जाएगा राजस्थान का मुख्यमंत्री , इन नामों पर हो रही है चर्चा !
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन करेंगे. इसी के साथ ही राजस्थान की राजनीति में राजस्थान
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन करेंगे. इसी के साथ ही राजस्थान की राजनीति में राजस्थान का सीएम कौन बनेगा इसको लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. बसपा छोड़कर जो विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे उनकी ओर से मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा है कि सचिन पायलट राजस्थान के अच्छे लीडर हैं और उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
सचिन पायलट को मिले सीएम बनने का मौका
मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान करेंगे. आलाकमान जो भी फैसला करेंगे वह सभी को मंजूर है क्योंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, ऐसे में बसपा से छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक अपने फैसले पर अभी भी कायम हैं. हम लोगों का मानना है कि राजस्थान के लिए सचिन पायलट से बढ़िया लीडर कोई नहीं है, उन्हें मौका देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि आलाकमान जो भी फैसला करेंगे वह हमें मंजूर है.
गांधी परिवार से कोई सदस्य मैदान में नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन भरे जाने हैं. दो दशक में ऐसा पहली बार है जब गांधी परिवार से कोई कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में नहीं उतर रहा है. शशि थरूर के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कुछ नाम और भी सामने आए हैं. मनीष तिवारी व दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने की भी अटकलें जताई जा रही हैं. वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, ऐसे में राजस्थान में नेतृत्व बदलाव को लेकर भी चर्चा तेज है. वहीं सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने की राह में कई सियासी चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है.
पायलट के लिए आसान नहीं सीएम बनना
सचिन पायलट को सीएम बनाने को लेकर पार्टी के अंदर ही स्वीकार्यता नहीं बन पा रही है. कुछ का तर्क है कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करना है, जिसने कथित तौर पर पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया था. राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चंदना द्वारा सचिन पायलट पर हालिया हमला भी दिखाता है कि उन्हें अभी और समर्थन जुटाने की जरूरत है. इसके अलावा राजस्थान में कांग्रेस के कई विधायक वरिष्ठ हैं, जो सचिन पायलट के अंडर में काम करने के लिए राजी नहीं हैं. ऐसे में कांग्रेस क्या फैसला लेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.