70 हज़ार करोड़ की पूंजी से लबालब होंगे भारतीय बैंक, मोदी ने किसानो के इथेनॉल का भी रखा ध्यान
हाल ही में कई छोटे बैंको का बड़े बैंको में विलय के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय बैंकों को लेकर बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने IDBI बैंक को राहत पैकेज देने का एलान किया है। इसके साथ ही सरकार ने किसानो के फायदे में इथेनॉल की कीमत बढ़ाने की भी घोषणा की। पिछली 11 तिमाही से बैंको को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया।
केंद्र सरकार ने सभी सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए की पूंजी देने का एलान किया था। कैबिनेट ने IDBI बैंक को 9257 करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की है। बैंक को LIC की ओर से 4700 करोड़ मिलेंगे। वहीं, केंद्र सरकार बैंक को 4557 करोड़ रुपये देगी। दरअसल देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ही आईडीबीआई बैंक की मालिक है। इसके अलावा कैबिनेट ने इथेनॉल (Ethanol) की कीमतों में बढ़ोतरी को मंज़ूरी देने का भी ऐलान किया है। इसका कारण है कि इस बार गन्ने (Sugarcane) के एफआरपी में कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है। ऐसे में सरकार (Government) ने कंपनियों और किसानों की मदद करने के उद्देश्य से इथेनॉल की कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि IDBI बैंक को 9257 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा। बैंक को सरकार की ओर से 4557 करोड़ और LIC की ओर से 4743 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया है कि सरकार बैंकिंग सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का आपस में विलय
बता दें कि आईडीबीआई बैंक में 46.5 फीसदी हिस्सा सरकार का, 51 फीसदी एलआईसी का और 2.5 फीसदी हिस्सा आम जनता का है। पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों (ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक और अन्य) को मर्ज करके चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे। पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा। इनके विलय से बने इस बैंक का बिजनस 17.95 लाख करोड़ का होने की उम्मीद है। वहीँ इथेनॉल की कीमत बढ़ाने से गन्ना किसानों को चीनी (Sugar Stock) के भारी स्टॉक की समस्या को निपटाने और किसानों का बकाया भुगतान करने में काफी मदद मिलेगी।