अब प्रवासी मजदूरों के पक्ष में आई भारतीय किसान यूनियन
लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का मुद्दा इस समय बड़ा होता नजर आ रहा है। जंहा अपने घर से दूर जाकर मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले मजदूर इन दिनों परेशानी में नजर आ रहे। वहीं अब प्रवासी मजदूरों की परेशानी को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन प्रवासी मजदूरों के समर्थन में उतर आए है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि मजदूर हजारों मील का पैदल सफर तय कर रहें। वह मजदूरों के उत्पीड़न व परेशानी की खबरों से आहत है। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि पैदल साईकिल से अपनी मंजिल पर जा रहे प्रवासी श्रमिकों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। चौधरी टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान एवं मजदूर के समक्ष कोरोना के इस संकट के समय तबाही का एक नया दौर आ खड़ा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित रोजगार न होने के कारण लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अनेक राज्यों में खेतीहर मजदूर का कार्य कर रहें है।
सरकार की उपेक्षा व गलत नीतियों के चलते आये दिन हजारों श्रमिक पंजाब से चलकर लखनऊ, गोण्डा, बस्ती, फर्रूखाबाद, महराजगंज के लिए गुजर रहे है, इन खेतीहर मजदूरों पर पूलिस का अत्याचार जारी है, जिसकी खबरें मीडिया के माध्यम से प्राप्त हो रही हैं। महामारी के कारण भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूर बच्चों सहित अपने गांव की हजारों किलोमीटर दूरी की पैदल यात्रा पर निकले हैं, मेरी किसानों व भारतीय किसान यूनियन के लोगो से अपील है कि इन प्रवासी श्रमिकों के लिए अपने गांव की सीमा में भोजन पानी एवं छाया या रूकने की उचित व्यवस्था करायें, प्रवासी श्रमिकों को कैम्प में रोककर पैदल चल रहे लोगों की सूचना प्रशासन को देकर इनके लिए बसों की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें, उन्होंने कहा कि अगर मजदूरों का इसी तरह उत्पीड़न होता रहा तो भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करने को मजबूर होंगी मजदूरों की इस दुर्दशा के जिम्मेदार अधिकारी है।